लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की तरफ से सीनियर आईपीस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को फोन पर धमकी देने के मामले में लखनऊ जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट देने वाली पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) ने नकार दिया है। सीजेएम ने इस मामले पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी करते हुए अभियोजन पक्ष को 12 फरवरी को बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। सीएम योगी की रैली से बौखलाई ममता, दे डाला विवादित बयान सीजेएम लखनऊ आनंद प्रकाश सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि, "अमिताभ ठाकुर पूरी तरह अपने बयान कर कायम हैं और उन्होंने अपनी शिकायत के पक्ष में पुख्ता सबूत पेश किए हैं। इसके साथ ही मुलायम सिंह ने भी अपने बयान में फोन रिकॉर्डिंग में अपनी आवाज का होना कबूल किया है। ऐसे में पुलिस की फाइनल रिपोर्ट ख़ारिज किए जाने योग्य है।" उल्लेखनीय है कि 10 जुलाई 2015 को आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने उन्हें फोन पर धमकाया था। पुलिस ने पहली बार इस मामले में अक्टूबर 2015 में अपनी रिपोर्ट पेश की थी, किन्तु ठाकुर ने इस पर सवाल खड़े करते हुए अदालत में इसे चुनौती दी थी। अदालत ने 20 अगस्त 2016 को पुलिस को मामले की जांच करने के निर्देश जारी किए थे। ममता की जिद के आगे सीएम योगी ने ठोंकी ताल, कहा हर हालत में जाऊंगा बंगाल इसके बाद पुलिस ने मुलायम की आवाज का नमूना लेने का प्रयास किया था, किन्तु मुलायम ने इससे साफ़ इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने कबूल कर लिया था कि, कॉल रिकॉर्डिंग में उन्हीं की आवाज है। मुलायम ने कहा था कि उन्होंने एक बुजुर्ग आदमी होने के नाते ठाकुर से बात की थी और उनका मकसद अधिकारी को धमकाने का नहीं था। जिसके बाद 9 अक्तूबर 2018 को पुलिस ने मुलायम को क्लीन चिट देते प्रदान करते हुए मामले की अंतिम रिपोर्ट लगाईं थी। खबरें और भी:- भाजपा ने किया बड़ा ऐलान, बंगाल में अभी नहीं लगेगा राष्ट्रपति शासन आज़म खान का दर्द, कहा ममता के साथ पूरा विपक्ष, मुझ पर भी 250 मुक़दमे लेकिन मेरे साथ... नवाज़ शरीफ के करीबी ने किया बड़ा खुलासा, कहा मुशर्रफ ने कराया था कारगिल युद्ध