दादी, नानी के नुस्खे कोरोना से करेंगे रक्षा

बालपन में अक्सर सर्दी-जुकाम की शिकायत होती थी, तो निवास में मौजूद दादी या नानी उसे मुलेठी के छोटे टुकड़े पर शहद लगाकर देती थीं. साथ ही वह मुलेठी के छोटे टुकड़े टॉफी की तरह चूसने के लिए  बोलती थी. ऐसा करने के बाद सर्दी-जुकाम की समस्या दूर हो जाती थी. बचपन में दादी या नानी की ओर से आजमाए गए इस नुस्खे पर अब वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को लेकर शोध किया है. गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के शोधकर्ता ने पाया है कि मुलेठी की जड़ की आयुर्वेदिक वैक्सीन कोरोना के विरूध्द लड़ाई में भी बहुत उपयोगी साबित हो सकती है.

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इसके अलावा गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर की संयुक्त निदेशक डॉ. माधवी जोशी ने शोधकर्ताओं के साथ की गई खोज को शेयर किया. उन्होंने कोरोना के उपचार के लिए 'रेपोजिंग एंड वैलिडेशन ऑफ फाइटोकेमिकल्स एंड आयुर्वेदिक फॉर्म्युलेशंस' नामक एक प्रजेंटेशन दिया गया है. जिसमें बताया गया कि मुलेठी में पाए जाने वाले अल्कोहलिटेरिन एसिड, अल्कोहल एसिड और ग्लोब्रोलाइड कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार साबित हो सकते हैं. हाल ही में गुजरात प्रदेश जैव प्रौद्योगिकी मिशन की तरफ से आयोजित वेबिनार में शोध के परिणाम पर मंत्रणा की गई.

कोरोना के इलाज में बेहद कारगर है मुलेठी, गुजरात में वैज्ञानिकों ने किया शोध

बता दे कि मुलेठी का नियमित सेवन हमारे बॉडी की बीमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि मुलेठी में जो एंजाइम्स पाए जाते हैं. वे बॉडी में लिंफोसाइट्स और का उत्पादन करने में सहायता करते हैं. लिंफोसाइट्स और मैक्रोफेज शरीर को बीमार बनानेवाले माइक्रोब्स, पॉल्यूटेंट, एलर्जी और उन हानिकार सेल्स को बॉडी में निर्मित होने से रोकते हैं, जो हमें ऑटोइम्यून सिस्टम से संबंधित रोग दे सकते हैं.

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