मुंबई से बांग्लादेश भेजा गया रेयर ब्लड ग्रुप, बच गई जान

मुंबई। भारत की संस्कृति ही सहयोग की रही है, इस बात को भारतीय समय-समय पर साबित भी करते है। बांग्लादेश के एक मरीज को मोहम्मद कमरुज्जमान को रेयर ब्लड ग्रुप की जरुरत थी। तो मुंबई के 4 लोगों ने 2200 किमी दूर इस रेयर ब्लड बॉम्बे ब्लड ग्रुप की 4 यूनिट को पहुंचाया।

कमरुज्जमान को एक्सीडेंट के दौराम मल्टीपल फ्रैक्चर आए है। डॉक्टरों ने जल्द ऑपरेशन करने को कहा था। रेयर बल्ड ग्रुप होने के कारण खून मिलने में परेशानी हो रही थी। 21 मई को उसका एक्सीडेंट हो गया था। यह खास ग्रुप का ब्लड बांग्लादेश के ब्लड बैंक्स में मौजूद नहीं था।

भारत में भी 400 से भी कम लोगों का बल्ड ग्रुप बॉम्बे है। इस रेयर ब्लड ग्रुप की पहचान मुंबई के एक एनजीओ थिंक फाउंडेशन ने उठा रखा है। स्वप्ना सावंत, कृष्णानंद कोरी, मेहुल भेलेकर और प्रवीण शिंदे ने कमरुज्जमान के लिए ब्लड दिया। गुरुवार को कमरुज्जमान के एक दोस्त एसके तुहीनुर आलम मुंबई पहुंचे।

एनजीओ के विनय शेट्टी ने बताया कि ब्लड को बाहर भेजना बेहद चुनौती भरा काम होता है। इसके लिए कई जगहों से इजाजत लेनी पड़ती है। बाहर देश में ब्लड भेजने के लिए तो लाइसेंस लेनी होती है। शेट्टी ने बताया कि हमने स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेस और सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्युरिटी फोर्स का भी अप्रूवल लिया।

ब्लड को स्पेशल प्लास्टिक बॉक्स में आइस जेल की पैकिंग के साथ भेजा जाएगा। खून को 6 हफ्ते तक बाहर रखा जा सकता है। हालांकि इसके लिए तापमान नियंत्रित करना जरूरी है।

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