मुंबई: देश में कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले मुंबई सामने आए हैं. इसका खामियाजा केवल उन लोगों को ही नहीं भुगतना पड़ रहा है जो कोरोना से संक्रमित हुए हैं बल्कि वो लोग भी चिंतित हैं जो बाहरी राज्यों से मुंबई में आकर उपचार करवा रहे थे. कोरोना वायरस के कहर के कारण इन लोगों को अस्पताल से बाहर कर दिया गया है. ये कहानी ऐसे सैकड़ों लोगों की है जो दूसरे राज्यों से आकर मुंबई के KEM और TATA हॉस्पिटल में अपना उपचार करवा रहे थे. अब इन लोगों को इकट्ठा करके पास ही के हिंदमाता सिग्नल के फ्लाईओवर के नीचे आश्रय दिया गया है. किन्तु यहां इनके हालात ठीक नहीं है. यहां एक रोगी ऐसा है जो बिहार से आया हुआ है. पिछले डेढ़ वर्ष से TATA हॉस्पिटल में इसका कैंसर का उपचार हो रहा है. लेकिन अब इसका ख्याल रखने वाला यहां कोई नहीं है. इसको बहुत अधिक गंदगी के इलाके में रहना पड़ रहा है. इसके चारों ओर मच्छर और मक्खियों ने अपना घर बना लिया है. इसका कोई रिश्तेदार भी इस समय इसके समीप नहीं है. यहां हिंदमाता सिग्नल के फ्लाईओवर के नीचे एक और व्यक्ति है, जिसका उपचार भी TATA हॉस्पिटल में चल रहा है. ये परिवार झारखंड से आया है. कोरोना के बाद ये लोग मुंबई में ही फंस गए हैं. हालात ये हैं कि इनके पास पीने के लिए पानी भी नहीं है. इन मरीजों का कहना है कि पास में BMC के लाइसेंस वाला शौचालय है. जिसको उपयोग करने के लिए 5 रुपये और नहाने के लिए 10 रुपये देने पड़ रहे हैं. इस महामारी के समय भी कुछ लोग अपने मतलब के लिए किस तरह लाभ उठा रहे हैं. तमिलनाडु : राज्य में कोरोना से एक और मौत, कुल इतने लोगों ने गवाई जान लॉकडाउन के बीच इस जिले में अपने काम पर लौटे वर्कर इस परेशान से जूझ रहा केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण