देश के लोग आज भी 26 नवंबर 2008 की तारीख को भूलने में असमर्थ हैं। यह वह तारीख है जब पाकिस्तानी आतंकवादियों ने सैकड़ों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था। उसी के बाद से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई चल रही है जो आज तक जारी है। यह घटना भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुई थी और इस घटना ने ना केवल हमें अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने का एहसास कराया, बल्कि हम सभी को खासकर सरकारी महकमे को नींद से जगाने का काम किया है। इस समय ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 26/11 की घटना पर दो वेब सीरीज बनी हैं जो सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहीं हैं। इनमे पहली ‘स्टेट ऑफ सीज: 26/11’ है जो मार्च 2020 में Zee 5 पर रिलीज की गई थी वहीं दूसरी हाल ही में Amazon Prime पर रिलीज हुई ‘मुंबई डायरीज 26/11′ है। आप सभी को बता दें कि ‘मुंबई डायरीज 26/11’ वेब सीरीज को डॉक्टरों, नर्सों, वार्ड बॉय, सुरक्षा गार्ड, पुलिसकर्मियों, पत्रकारों के नजरिए से दिखाया गया है, जिन्होंने आतंकी हमले के दिन धैर्य और साहस से काम लिया। इस वेब सीरीज में मोहित रैना और कोंकणा सेन शर्मा हैं जिन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया है। वहीं निखिल आडवाणी और निखिल गोंसाल्विस इसके डायरेक्टर हैं। हालाँकि ‘मुंबई डायरीज 26/11’ में आतंकवाद की बजाए धर्मनिरपेक्षता को अधिक महत्व दिया गया है। आप सभी को बता दें कि इस बार 26/11 हमले को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर धर्म के चश्मे से दिखाने का प्रयास किया गया है। इसमें यह दिखाया गया है कि हिंदू बुरे हैं और मुस्लिम अच्छे है। केवल यही नहीं बल्कि हिन्दुओं को मुंबई के सरकारी अस्पताल ‘बॉम्बे जनरल अस्पताल’ में तोड़फोड़ करने वाले जिहादियों के खिलाफ कुछ अपशब्द बोलते हुए दिखाया गया है। इस तरह से कुल मिलाकर इस वेब सीरीज में मुसलमानों का महिमामंडन किया गया है जो अब लोगों को पसंद नहीं आ रहा है और अब इस वेब सीरीज को बैन करने की मांग की जा रही है। इस वेब सीरीज में बताया गया है कि इस्लाम बुरा नहीं है बल्कि वास्तव में, यह शांति और सहिष्णुता का धर्म है। यूपी सरकार ने महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में की CBI जांच की सिफारिश 21 साल की लड़की के साथ बेरहमी से मार-पीट, आँख में डाला तेज़ाब 'RSS की तालिबान से तुलना', जावेद अख्तर के खिलाफ कोर्ट पहुंचे वकील, 100 करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग