पिछले ज़माने में हमें यह अक्सर सुनने को मिलता था कि पढ़ोगे-लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे बनोगे खराब. लेकिन मुंबई के त्रिशनित अरोरा ने इस कहावत का मतलब ही बदल दिया को ही उलटा कर दिया. इनका पढाई में मन ना लगने के कारण सारे घरवाले उनसे परेशान थे. लेकिन उनकी रुची ही उनकी सफलता बनी और आज वो महज 23 साल की उम्र में साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट बन चुके हैं. ह्यूमन ऑफ बॉम्बे के फेसबुक पेज पर उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी शेयर हुई थी. त्रिशनित अरोरा ने बताया है कि बचपन से ही उन्हें कम्प्यूटर में रुची थी. वो हर समय वीडियो गेम खेला करते थे. देर तक कम्प्यूटर में बैठने पर उनके पिता को काफी टेंशन होती थी. वो रोज कम्प्यूटर का पासवर्ड चैंज किया करते थे. लेकिन त्रिशनित रोज पासवर्ड को क्रेक कर दिया करता था. लेकिन इस चीज को देखकर उनके पिता भी प्रभावित हो गए और नया कम्प्यूटर लाकर दे दिया. एक वक्त ऐसा आया जिससे उनकी जिंदगी बदल गई. 8वीं में फेल होने के बाद त्रिशनित ने कहा कि वो कम्प्यूटर में ही अपना करियर बनाएंगे. 19 साल की उम्र में वो कम्प्यूटर फिक्सिंग और सॉफ्टवेयर क्लीनिंग करना सीख गए थे. उनको पहला चेक 60 हजार रुपये का मिला था. जिसके बाद उन्होंने पैसे बचाकर खुद की कंपनी में खर्च करने का सोचा, आज जिसका नाम टीएसी सेक्यूरिटी सॉल्यूशन है. जो एक साइबर सिक्युरिटी कंपनी है. 8वीं फेल होने के बाद उन्होंने स्कूल से दूरी बना ली लेकिन उन्होंने 12वीं डिस्टेंस एज्यूकेशन से की और बीसीए कंप्लीट किया. लेकिन उससे पहले ही वो मुकाम हासिल कर चुके थे. Photos : 'करिश्मा का करिश्मा' की करिश्मा अब दिखती हैं इतनी खुबसूरत 8000 लोगों के कातिल को मानते है हीरो नवजात शिशु सप्ताह की बधाई हो…...