मुंबईः आज के दौर में कामकाजी वर्ग की यह आम शिकायत रहती है कि उन्हें उनके काम के अनुरूप या बाजार के हिसाब से वेतन नहीं मिलता है। कम वेतन और नौकरी की असुरक्षा दोनों निजी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्या है। लेकिन आज के दौर में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो वेतन पाकर ही अरबपति बन जाते हैं। चलिए आपको मिलाते हैं एक ऐसे ही शख्स से। डिवीज लैबोरेटरीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुरली के. डिवी को वर्ष 2018-19 में 58.80 करोड़ रुपये वेतन मिला हैं। इसमें वेतन और कमिशन दोनों शामिल हैं। इस तरह मुरली डिवी भारतीय दवा कंपनियों में सबसे अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारी बन गए हैं। उनको जो वेतन मिला है उसमें से 57.61 करोड़ रुपये तो उन्हें बतौर कमिशन ही मिले हैं। उनके अलावा डिवीज लैबोरेटरीज ने इस वित्त वर्ष में कंपनी के कार्यकारी निदेशक NV रमण को 30 करोड़ रुपये और मुरली डिवी के बेटे और पूर्णकालिक निदेशक किरण S डिवी को 20 करोड़ रुपये वेतन दिया है। डिवीज लैबोरेटरीज की सलाना रिपोर्ट के अनुसार, मुरली के. डिवी के वेतन में बीते वर्ष की तुलना में 46.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। मुरली को वित्तीय वर्ष 2017-18 में 40.20 करोड़ रुपये वेतन मिला था। उनके इस वेतन में 39 करोड़ रुपये कमीशन मिले थे। कंपनी ने वर्ष 2018-19 में 5,036 रुपये का राजस्व हासिल किया है और टैक्स चुकाने के बाद इसे 1,333 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। मंदी से उबरेगा रियल एस्टेट, सरकार उठा रही यह कदम ट्रकों की बिक्री घटी, ये हैं कारण सरकारी बैंकों के खुलने के समय में होगा बदलाव, अब 10 बजे से नहीं खुलेंगे बैंक !