देश में मशरूम से मिल रहा हजारों लोगों को रोजगार

नई दिल्ली: भारत में इस समय मशरूम की खेती ज्यादा प्रचलन में आई है। शहर से लेकर गांव तक मशरूम ने अनेकों लोगों को रोजगार मुहैया कराया है। लोग मशरूम की खेती करके अपनी रोजी रोटी चला रहे हैं। मशरूम उत्पादन को कृषि और उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में महत्व दिया गया है और इसके साथ ही मशरूम उद्योग ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपना स्थान बनाया है। 

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देश के अलावा पूरी दुनिया में सभी व्यवसायों की तरह ही मशरूम का व्यवसाय भी शुरू होता है और मशरूम की मांग दुनिया में सदियों से रही है। आज भारत में लगभग 6,000 मेट्रिक टन मशरूम ही भारत की जनता को उपयोग के लिए मिल पाता है। जितना मशरूम भारत में उगाया जाता है उसमें से 60% देश से बाहर निर्यात हो जाता है। इसके अलावा भारत से सूखा मशरूम विदेशों में निर्यात किया जाता है। क्योंकि भारत से सूखा मशरूम मंगवाना विदेशियों को सस्ता पढता है। 

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जानकारी के अनुसार बता दें कि अब मशरूम रसोई में भी तैयार होगा और इसके लिए विशेष कमरे की जरूरत नहीं पड़ेगी। राष्ट्रीय मशरूम अनुसंधान केंद्र चंबाघाट, सोलन ने इसके लिए रेडी टू फ्रूट बैग तैयार किया है। 25 से 30 रुपये की कीमत के इस बैग से लगभग 20 दिन में 800 ग्राम मशरूम का उत्पादन हो सकेगा। वहीं डॉ.वीपी शर्मा निदेशक मशरूम अनुसंधान केंद्र ने बताया कि जल्द ही इसे बाजार में उतारने की तैयारी है। बैग की एक खासियत यह भी है कि इसे किसी जलवायु-स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। हां, पानी का छिड़काव कर नमी का ध्यान रखना होगा। इसमें पिंक ऑयस्टर और व्हाइट ऑयस्टर प्रजाति का मशरूम उत्पादित होगा। 

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