नर्मदापुरम से गजेंद्र राजपूत की रिपोर्ट नर्मदापुरम। श्री रूद्र ब्रह्यचारी तपस्वी जोगेश्वरी (बाईराम) माता जी की उन्नीसवीं पुण्य स्मृति एवं पूज्य माताजी स्व.श्रीमति कमला बाई जी की चतुर्थ पुण्य सहस्मृति में तपोवन आश्रम बान्द्राभान उत्तर तट तहसील बुधनी में जीजी राम सरकार महंत डॉ. प्रज्ञा भारती के मुखारविंद से दिनांक 17 से 21 दिसम्बर 2022 तक संगीतमय श्री रामकथा का आयोजन हुआ। कथा के पंचम दिन डॉ. प्रज्ञा भारती द्वारा बताया कि श्रीराम कथा में कथा व्यास ने कहा कि रामकथा का आनंद तभी है, जब वक्ता और श्रोता दोनों सुर, लय, ताल मिलाकर कथा का रसपान करें। प्रेम प्रकट हो जाए तो परमात्मा खुद प्रकट हो जाएंगे। प्रेम के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है, बहुगुणा ने कहा रामकथा का महत्व हमेशा से है और आगे भी रहेगा। यह भगवान की लीला, चरित्र व गुणों की गाथा है। इसके श्रवण और कथन के प्रति हमेशा एक नवीनता का भाव बना रहता है। भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के चरित्र में प्रदर्शित त्याग और तपस्या की बातों को निरंतर श्रवण करते रहने से सुनने वाले के अंदर भी ऐसे ही महान गुणों का समावेश हो जाता है। आज 21 दिसम्बर को पूज्य बाईराम जी की पुण्यतिथि पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जिसमें सैकड़ो श्रृद्धालुओं द्वारा प्रसादी ग्रहण की। इस मौके पर राम-सीता विवाह का आयोजन किया, श्रद्धालुओं ने नाचते गाते आनंद लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह, रमाकांत भार्गव सांसद विदिशा एवं अध्यक्ष ट्रस्ट समिति, विधायक सोहागपुर विजयपाल सिंह, राजेन्द्र सिंह पूर्व विधायक एवं पूर्व अध्यक्ष म.प्र. वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन, मनोहर सिंह, अजयपाल सिंह, महेश उपाध्याय अध्यक्ष सलकनपुर ट्रस्ट के साथ अनके श्रृद्धालु उपस्थित थे, कथा के दौरान सुमधुर भजनों पर श्रोता जमकर झूमे। तानसेन समारोह : पद्मभूषण बेगम परवीन सुल्ताना की गायकी ने ताना सुरों का शामियाना कांग्रेस विधायक ने दिया बड़ा बयान, कहा कोरोना फैलाने से बाज आए सरकार नसबंदी के बाद भी गर्भवती हो गई महिला, बच्चे के जन्म के बाद उठाया ये कदम