अयोध्या : अयोध्या में राम मंदिर बनने में अब देर नहीं है. कल यानी 5 अगस्त को भूमि पूजन होने के बाद कार्य शुरू होने वाला है. ऐसे में आप जानते ही होंगे इस जमीन को लेकर काफी समय तक विवाद हुआ है. वहीं अब मंदिर निर्माण ने दोनों समुदायों के बीच सांप्रदायिक भेदभाव की भावना को धुंधला कर दिया है क्योंकि मुस्लिम समुदाय के कई लोग भगवान राम के मंदिर निर्माण कार्य शुरू होने की खबर से बहुत खुश नजर आ रहे हैं. वह इस समय इस बात का जश्न मना रहे हैं. बताया जा रहा है कोई राम मंदिर के लिए अपने गांव से ईंट ला रहा है तो कोई खुद को हिंदू वंशज बताकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है. आप सभी को बता दें कि राम मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने के लिए छत्तीसगढ़ के फैज खान अपने गांव से ईंट ला रहे हैं. उनके अलावा कई मुस्लिम ऐसे हैं जो पांच अगस्त को पीएम मोदी के हाथों होने वाले मंदिर शिलान्यास को देखने के लिए अब इंतज़ार नहीं कर पा रहे हैं. एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक एक मुस्लिम समुदाय है जो खुद को हिंदू समाज से जोड़ रहे हैं. वह भगवान राम को 'इमाम ए हिंद' मानते हैं और उनका कहना है उनके पूर्वज राजपूत थे. जी दरअसल फैजाबाद के रहने वाले जमशेद खान ने एक वेबसाइट से कहा, 'हमने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम धर्म अपनाया और इस्लाम धर्म के अनुरूप प्रार्थना करने की पद्धति अपनाई लेकिन धर्म बदलने से हमारे पूर्वज नहीं बदल जाते. हमारा मानना है कि भगवान राम हमारे पूर्वज हैं और मंदिर निर्माण की इस खुशी को हम अपने हिंदू भाइयों के साथ साझा करेंगे.' वहीं मुस्लिम कार सेवक मंच के मोहम्मद आजम खान ने कहा, 'प्रार्थना करने के तरीके हमारे भले ही बदल गए हों लेकिन हमारे पूर्वज नहीं बदल सकते. राम हमारे पूर्वजों में से एक हैं. वह सभी के हैं.' इसके अलावा मक्का जाकर हज कर चुके सईद अहमद ने कहा, 'हम भारतीय मुसलमान मानते हैं कि भगवान राम इमाम-ए-इंद हैं. मैं राम मंदिर निर्माण की खुशी जाहिर करने के लिए मैं अयोध्या में रहूंगा.' इस तरह कई ऐसे मुस्लिम है जो इस समय श्री राम के मंदिर बनने से उत्सुक नजर आए हैं. राम जन्म भूमि पूजन से पहले प्रियंका गाधी ने किया यह ट्वीट, हो रहा वायरल जम्मू में अगवा हुए जवान का नहीं मिला कोई सुराग, अपहरणकर्ताओं से बहन ने की ये अपील भारत ही नहीं इन 3 देशों के लिए भी ख़ास है 15 अगस्त, जानिए कैसे ?