जिनके लिए कारसेवकों की हत्या करवाकर 'मुल्ला' बने मुलायम, निधन पर वही 'कट्टरपंथी' मना रहे जश्न

लखनऊ: अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव इस दुनिया से जा चुके हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और संरक्षक मुलायम के देहांत की खबर सुनकर उनके विरोधी नेता भी शोक प्रकट कर रहे हैं, मगर सोशल मीडिया पर कुछ कट्टरपंथी मुस्लिम उनकी मौत का जश्न मनाते हुए नज़र आ रहे हैं। फेसबुक पर अली सोहराब नामक एक व्यक्ति ने लिखा कि, “मुलायम सिंह यादव अब इस दुनिया में नहीं रहे...  #FNJ।'

इस पोस्ट पर कई कट्टरपंथी मुस्लिम जश्न मनाते हुए नज़र आ रहे हैं। अधिकतर मुस्लिम सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस पोस्ट पर लॉफिंग इमोजी बनाया है। मोहम्मद शाहिद नामक एक यूजर ने कमेंट में पुछा है कि ये FNJ क्या है। इस पर सलाफी नामक यूजर ने बताया है कि FNJ का मतलब है कि ‘फी नारे जहन्नम’। इसका हिंदी में मतलब 'नरक में जाएगा', या इससे मिलता जुलता ही होता है। इसके साथ ही कट्टरपंथी, मुलायम सिंह यादव को ‘काफिर’ बताते हुए उनके निधन की खबर वाली फेसबुक पोस्ट पर 'लाफिंग' का रिएक्शन दे रहे हैं।

बता दें कि मुलायम यादव का 82 वर्ष की आयु में सोमवार (10 अक्टूबर, 2022) को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में देहांत हो गया था। सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की तरफ से कहा गया कि, 'मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।' 

बता दें कि 2 नवंबर, 1990 को अयोध्या में सीएम मुलायम सिंह यादव के आदेश पर राम भक्तों पर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। अयोध्या की गलियां कारसेवकों के रक्त और उनकीं लाशों से पट गई थी। 3 नवंबर 1990 को जनसत्ता में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में इस गोलीबारी को लेकर लिखा गया कि, 'राजस्थान के श्रीगंगानगर का एक कारसेवक, जिसका नाम पता नहीं चल पाया है, गोली लगते ही गिर पड़ा और उसने अपने खून से सड़क पर लिखा सीताराम। पता नहीं यह उसका नाम था या भगवान का स्मरण। मगर सड़क पर गिरने के बाद भी सीआरपीएफ की टुकड़ी ने उसकी खोपड़ी पर सात गोलियाँ मारी।'

मीडिया रिपोर्ट्स में 40 कारसेवकों की मौत की बात कही गई थी। जबकि विश्व हिन्दू परिषद (VHP) ने 59 कारसेवकों की मौत की बात कही थी। राम भक्तों के इस नरसंहार के बाद मुलायम को ‘मुल्ला मुलायम’ कहा जाने लगा था। लेकिन, जिन लोगों का मसीहा बनने के लिए मुलायम सिंह ने कारसेवकों का कत्लेआम करवाया, वही लोग आज मुलायम की मौत का जश्न मना रहे हैं और उनके नरक में जाने की कामना कर रहे हैं, आखिर थे तो वो काफिर ही। 

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