कार्तिक पूजा कर रहे श्रद्धालुओं पर मुस्लिम कट्टरपंथियों का हमला..! बांग्लादेश नहीं, बंगाल की घटना

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा कस्बे में 16 नवंबर 2024 की शाम को हिंदू समुदाय पर हिंसक हमला हुआ। इस दौरान हिंदू समुदाय कार्तिक पूजा का उत्सव मना रहा था। हमलावरों ने हिंदुओं पर ‘ईशनिंदा’ का आरोप लगाते हुए आगजनी और पत्थरबाजी की। उसने कहा कि हिन्दुओं को ये सन्देश जाना चाहिए कि हम अल्लाह और पैगंबर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे, हालाँकि, सचमुच किसी का अपमान हुआ या नहीं इसका कोई सबूत नहीं है। 

 

बता दें कि, बांग्लादेश में 2021 में दुर्गा पूजा के समय ऐसी एक घटना सामने आई थी, जब एक मुस्लिम युवक ने खुद दुर्गा पंडाल में माता के चरणों में कुरान रख दी और बाहर जाकर कट्टरपंथियों को भड़का दिया कि कुरान का अपमान हुआ, जिसके बाद कट्टरपंथियों ने कई हिन्दुओं की हत्या कर दी थी। बाद में इकबाल हुसैन गिरफ्तार किया गया था, जिसने कबूला की हिन्दुओं पर हमले के लिए उसने ये साजिश रची थी, इससे आप इक़बाल की नीच सोच का अंदाज़ा लगा सकते हैं ।

सम्भव है कि मुर्शिदाबाद में भी हिन्दुओं पर हमला करवाने के लिए ही ईशनिंदा की अफवाह किसी कट्टरपंथी द्वारा उड़ाई गई हो, क्योंकि ये एक तथ्य है कि मुस्लिम समुदाय से हिन्दू त्यौहार या परंपराएं बर्दाश्त नहीं होती हैं, ये पाकिस्तान-बांग्लादेश में साफ़ देखा जा चुका है, भारत में भी जहाँ मुस्लिम आबादी अधिक है, वहां हिन्दू जुलूसों पर हमले होते ही रहते हैं। कारण भड़काऊ नारेबाजी बता दिया जाता है, लेकिन वो भड़काऊ नारा आज तक किसी ने सुना नहीं। हाँ, कुछ कट्टरपंथियों के लिए जय श्री राम का नारा भी भड़काऊ हो सकता है।   

 

भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय द्वारा साझा किए गए वीडियो में एक पीड़ित हिंदू व्यक्ति ने बताया कि पुलिस की मौजूदगी के बावजूद उनके घरों को जलाया गया। चारों ओर पत्थर बिखरे थे और एक कार को भी आग के हवाले कर दिया गया। अमित मालवीय ने इस घटना पर ममता बनर्जी सरकार और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए इसे कार्तिक पूजा के दिन एक योजनाबद्ध हमला बताया।  

भाजपा के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने इस घटना को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे बांग्लादेश जैसे ‘सफाए’ की स्थिति बताया और दावा किया कि हिंदू महिलाओं को धमकियां दी जा रही हैं और बमबारी की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने राज्य सरकार पर हिंदू समुदाय की सुरक्षा में असफल रहने का आरोप लगाया।  

घटना के दौरान एक इस्लामी कट्टरपंथी ने वीडियो जारी कर हिंसा भड़काने की कोशिश की। उसने आरोप लगाया कि कार्तिक पूजा के एक पंडाल में अल्लाह का अपमान किया गया। वीडियो में उसने मुस्लिम समुदाय को हिंसा के लिए उकसाते हुए कहा कि बेलडांगा की जमीन "हिलनी चाहिए।" उसने आरोपी को सजा देने के लिए न्यायिक प्रक्रिया को नजरअंदाज कर मॉब लिंचिंग की अपील की।  

यह घटना धार्मिक सहिष्णुता और सामुदायिक शांति के लिए गंभीर खतरा बन गई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस पर हिंसा को रोकने में असफल रहने के आरोप लग रहे हैं। भाजपा और अन्य संगठनों ने राज्य सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है, जबकि हिंदू समुदाय इस हमले के बाद असुरक्षा और भय के माहौल में है। इस घटना ने एक बार फिर राज्य में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया है। लोगों ने सभी समुदायों से शांति बनाए रखने और प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की उम्मीद जताई है।

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