नई दिल्ली : दिल्ली के पास ख्याला के अंकित सक्सेना की मुस्लिम लड़की से प्यार करने के कारण हुई हत्या का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था, कि अब जेएनयू की छात्रा औऱ पूर्व जेएनयूएसयू की उपाध्यक्ष शहला राशिद का मुस्लिम लड़कियों को लेकर विवादित बयान सामने आया है.राशिद ने मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को गैर मुस्लिमों से शादी और प्रेम करने की आज़ादी की मांग की है. एक अख़बार के अनुसार शहला राशिद ने लव जिहाद और अंकित सक्सेना की मौत पर अपने विचार फेसबुक पर प्रकट करते हुए कहा कि अगर हम प्यार के लिए अपने दरवाजे नहीं खोलेंगे तो हम नफरत की आंधी में जलना डिजर्व करते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं को समुदायों की आस्था और परंपरा के नाम पर बंधक बनाकर रखा जा रहा है. यह ऐसा धर्म है जो आदमियों की सुविधा के हिसाब से चलता है. इस बारे में शहला राशिद ने अपने फेसबुक पर हादिया को शफीन जहां का जिक्र कर कहा कि जैसे उसको चुनने का अधिकार है, वैसे ही दूसरी बालिग मुस्लिम महिला को भी अंकित सक्सेना को चुनने का अधिकार है. उन्होंने दावे के साथ कहा कि यह अधिकार हमें संविधान से मिला है न कि मुस्लिम और हिंदू कानूनों से. शहला राशिद ने बेबाकी से यह भी कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट में हर भारतीय नागरिक को यह अधिकार है, कि वह बिना धर्म परिवर्तित किए दो बालिग शादी कर सकते हैं. हालाँकि राशिद की इस पोस्ट को लेकर खूब आलोचना भी हो रही है . फेसबुक और ट्वीटर पर शहला राशिद ट्रोल भी हो रही है.उसकी बात सच है, लेकिन सामाजिक रूढ़ियों के कारण महिलाओं को आज़ादी नहीं मिल पाई है. यह भी देखें अब लड़के होंगे लव जिहाद का शिकार हिन्दू लड़कियों के धर्मांतरण के लिए बदनाम दरगाह