नई दिल्ली : AIMPLB ने शनिवार को UCC को देश की विविधता की भावना में एकता के लिए 'खतरा' करार देते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के किसी भी 'विधायी या न्यायिक' कदम के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि यह ट्रिपल तलाक़ विरोधी कानून की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती देगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी कार्यकारी समिति की बैठक में अपने चीफ राबे हसन नदवी की अध्यक्षता में फैसला लिया, जिसके दौरान यह भी उम्मीद की गई कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2.77 एकड़ विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि पर शीर्षक सूट पर निर्णय सुनाया जाएगा वो मुसलमानों के पक्ष में हो। AIMPLB की बैठक में इसके उपाध्यक्ष फखरुद्दीन अशरफ किछौछवी, महासचिव मौलाना वली रहमानी, बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य जफरयाब जिलानी और खालिद रशीद फिरंगी महाली और जमात-ए-उलेमा हिंद के प्रमुख मौलाना अरुध्द मदन सहित कई उच्च पदाधिकारी मौजूद थे। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किए जाने के किसी भी भावी कदम का विरोध करते हुए, या तो कानून या न्यायिक फैसले के जरिए, AIMPLB ने सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 'अदालतें, चाहे केंद्रीय हो या प्रांतीय' को इस 'देश विरोधी कृत्य' को होने से रोकना चाहिए। राफेल पूजा का विरोध करने वालों को रक्षामंत्री का जवाब, कहा- क्या भारतीय संस्कृति का पालन करना गुनाह ? हरियाणा चुनाव: भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र, किसानों और युवाओं पर फोकस योगी सरकार का बड़ा दिवाली गिफ्ट, 27 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा लाभ