माहे रमजान में बढते रोजो के साथ मस्जिदो में इबादतो का दौर ओर भी तेज हो गया है. जानकारी के लिए बता दें, 11 वें रोजे के साथ ही रमजान के दुसरे जुमे अशरे की शुरूआत हो गयी है. दूसरे असरे की शुरूआत के साथ आज रमजान के दूसरे जुम्मे की नमाज भी अदा कि जायेगी. जुमे में जौहरी बाजार जामा मस्जिद सहित 300 से अधिक मस्जिदों में जुम्मे की नमाज अदा कर खास दुआ मांगी जायेगी.दूसरे अशरे में रोजेदार खुदा की इबादत कर अपने गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं. जानिए क्या होता है इसमें. इस्लाम में मान्यता है कि अगर इस्लाम के अनुसार रमजान के महीने को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. रमजान के एक माह को 10 -10 दिनो के रोजे के अनुसार पहला, दूसरा और तीसरा अशरा कहलाता है. इसमें पहला अशरा रहमत का होता है. दूसरा अशरा मगफिरत यानी गुनाहों की माफी का होता है और तीसरा अशरा जहन्नुम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है. कुरान की तिलावत में बीत रहा है रमजान रमजान महीने के पहले 10 दिन गुरुवार को पूरे हो गए. मुस्लिम समाज के नसरुद्दीन देशवाली, हीरा भाई कुरैशी सहित अन्य ने बताया कि पहले अशरे में रोजे रखने और नमाज अदा करने वालों पर अल्लाह की रहमत बरसी. पहले असरे के साथ ही अधिकांश जगहों पर गुरूवार तक तीन पारे तरावीह वाली मस्जिदो में तरावीह खत्म हो गयी है. ऐसे में तरावीह की नमाज के बाद अब कुरान की तिलावतो में समय बित रहा है.मस्जिदों के साथ साथ घरो में भी कुरान की तिलावत और दुआओ का दौर है. शुरू हुआ रमजान का दूसरा अशरा, मोक्ष के लिए किया जाता है 11वां रोजा तो श्रीराम के वंशज हैं भगवान बुद्ध! जानिए भगवान बुद्ध जुडी अनसुनी बातें