नई दिल्ली: अयोध्या राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले में हिन्दू महासभा ने मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ पर सर्वोच्च न्यायालय में लिखित हलफनामा दाखिल किया है. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष ने शीर्ष अदालत में सीलबंद लिफाफे में मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ दायर किया है. सूत्रों के अनुसार, मुस्लिम पक्ष ने मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ में कहा है कि उन्हें वही राहत चाहिए जो उन्होंने बहस के दौरान मांगी थी. दरअसल, मुस्लिम पक्ष की तरफ से वकील राजीव धवन ने बहस के दौरान कहा था कि उन्हें विध्वंस से पूर्व की हालत वाली बाबरी मस्जिद चाहिए. यानी विवादित स्थान पर बाबरी मस्जिद ही बननी चाहिए, वो भी बिलकुल वैसी ही, जैसी 1992 में 6 दिसंबर की सुबह तक थी. वहीं हिन्दू महासभा ने अपने मॉल्डिंग ऑफ रिलीफ में कहा है कि अयोध्या में जन्मस्थान पर राम मंदिर के निर्माण पर पूरी मंदिर की व्यवस्था के लिए अदालत एक ट्रस्ट का गठन करे. इसके साथ ही इसका पूरा उपक्रम अदालत के माध्यम से नियुक्त किए गए एडमिनिस्ट्रेशन के जरिए हो. सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की विशेष बेंच ने 40 दिनों की सुनवाई पूरी कर 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था. अदालत ने मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के लिए सभी पक्षकारों से तीन दिनों के अंदर अपनी मांग लिखित रूप से जमा करने के लिए कहा था. शनिवार को ये समय सीमा भी समाप्त हो रही है. पियूष गोयल पर प्रियंका गाँधी का हमला, कहा- मंत्रियों का काम कॉमेडी 'सर्कस' चलाना नहीं.... सोने की खदान में टूटा बांध, 12 लोगों की मौत, 10 लापता जॉनसन एंड जॉनसन ने वापस मँगाए 33 हजार बेबी पाउडर, मिला कैंसरकारक रसायन