अवैध संजौली मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष का यू-टर्न! पहले कहा हम खुद गिराएंगे, और अब...

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। पहले, मस्जिद कमिटी ने खुद ही अवैध हिस्सों को गिराने की बात कही थी और इसके लिए नगर निगम से अनुमति भी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि बाहरी लोगों ने आकर मस्जिद में अवैध निर्माण किया है और इसे गिराने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस बात को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने 5 अक्टूबर, 2024 को मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने की अनुमति दे दी थी और आदेश जारी कर दिए थे।

लेकिन अब, ऑल हिमाचल मुस्लिम्स ऑर्गनाइजेशन ने अपने बयान से पलटी मारते हुए इस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद तोड़ने का आदेश तथ्यों से परे है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। संगठन का कहना है कि वे हर मुसलमान की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे और नगर निगम के फैसले को कोर्ट में चुनौती देंगे। दूसरी ओर, संजौली मस्जिद कमिटी ने ऑल हिमाचल मुस्लिम्स ऑर्गनाइजेशन के इस फैसले से दूरी बनाते हुए कहा है कि वे नगर निगम के आदेश से संतुष्ट हैं और जैसे ही आदेश की कॉपी मिलती है, वे अवैध हिस्से को गिराने का काम शुरू कर देंगे। मस्जिद कमिटी के प्रमुख लतीफ़ ने संगठन पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है और साफ किया कि उनका इस विरोध से कोई संबंध नहीं है।

 

इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भी एक मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर विवाद चल रहा है। नगर निगम ने मंडी की जेल रोड पर बनी मस्जिद को अवैध घोषित करते हुए इसे गिराने का नोटिस दिया था और बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए थे। निगम के आदेश के अनुसार, 12 अक्टूबर, 2024 तक मस्जिद का अवैध हिस्सा गिराया जाना था। हालांकि, अभी तक मस्जिद को गिराने की कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे हिन्दू संगठनों में नाराजगी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मस्जिद का अवैध निर्माण नहीं गिराया गया, तो वे नगर निगम कार्यालय का घेराव करेंगे।

सवाल उठता है कि आखिर संजौली मस्जिद विवाद में मुस्लिम पक्ष ने पहले अवैध निर्माण को स्वीकार करते हुए उसे गिराने का समर्थन किया था, लेकिन अब अचानक यू-टर्न लेकर कोर्ट जाने की बात क्यों कर रहा है। यह बदलाव उनके इरादों और इस विवाद के पीछे की मंशा पर कई सवाल खड़े करता है।

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