बीजिंग: चीन किस प्रकार से अपने देश में रहने वाले मुसलमानों पर अत्याचार करता है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वहां पर मुसलमानों को रोजा रखने की भी इजाजत नहीं दी जाती। जर्मनी में निर्वासन में रह रहे विश्व उइगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉल्कन ईसा ने इस संबंध में बड़ा खुलासा किया है। डॉल्कन ईसा ने कहा है कि चीन की मुस्लिम लोगों को रमजान के पवित्र महीने में रोजा रखने की भी इजाजत नहीं है। वहां मुसलमानों को "सामुदायिक रसोई के माध्यम से भोजन करने के लिए विवश किया जाता है।" तिरुवनंतपुरम स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज द्वारा "उइगर मुस्लिम और चीन द्वारा उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन" विषय पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में ईसा ने यह इस बात का खुलासा किया है । ईसा ने आगे कहा कि, "चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों के तमाम मानवाधिकारों का हनन कर रही है। उन्हें अपने बच्चों के नाम भी मजहब के आधार पर नहीं रखने दे रही है। यहां तक कि पश्चिमी देशों में निर्वासन में रह रहे उइगर मुस्लिमों को भी यह पार्टी तंग कर रही है। चीन सरकार द्वारा किए जा रहे इन अत्याचारों के खिलाफ बोलने वालों का इंटरपोल के माध्यम से पीछा किया जा रहा है। अगर विश्व चीनी वस्तुओं और चीनी व्यवसायों को नहीं रोकती है, तो लोकतंत्र और मानव अधिकार अतीत की बातें बन जाएंगे।" पाकिस्तान की सियासत में आया भूचाल, नवाज़ शरीफ का भाई 'शाहबाज़' गिरफ्तार पानी में मिला 'दिमाग खाने वाला' अमीबा, लोगों को जल का इस्तेमाल ना करने के आदेश आर्मेनिया और अजरबेजान की जंग में शिकार हुए 23 लोग