देश के सबसे विवादों में से एक अयोध्या विवाद की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चली रही है और कोर्ट से बाहर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या की विवादित भूमि पर मुस्लिम पक्ष के दावे को सिरे से नकार दिया है. स्वारूपानंद सरस्वती ने कहा कि कोर्ट भले ही इस मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस पर हमारा ही मालिकाना हक है. सुलह की कोशिश में लगे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के प्रयासों पर शंकराचार्य ने कहा कि श्रीश्री बेवजह मुसलमानों से बातचीत कर रहे हैं, जबकि मुस्लिमों का इस भूमि पर कोई हक ही नहीं है. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गंगा प्रोजेक्ट के तहत तोड़े जाने वाले अवैध निर्माण पर भी शंकराचार्य ने नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि वाराणसी में गंगा और काशी विश्वनाथ मंदिर के बीच गंगा पाथ वे बनाने का प्रोजेक्ट विनाशकारी है. शंकराचार्य ने कहा कि उन्होंने इसके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर प्रोजेक्ट को तुरंत रोकने की अपील की है. स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट नहीं रोका गया तो हम कोर्ट जाएंगे. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ और गंगा नदी से छेड़छाड़ करने वाले का सर्वनाश निश्चित है. गौरतलब है कि आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर मामले को कोर्ट के बहार भी सुलझा लिए जाने का लगातार प्रयास कर रहे है. राम जन्मभूमि पर पूजा 'मूल अधिकार'- स्वामी राम मंदिर निर्माण को रोकना कांग्रेस का मकसद- वसीम रिजवी अयोध्या: नए विहिप अध्यक्ष आज पहुंचेंगे राम मंदिर