भारत के शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंड निवेश वर्ष के पहले 10 महीनों में आधा घटकर 55700 करोड़ रुपये रहा है। इसका कारण खुदरा निवेशकों की म्यूचुअल फंड में भागीदारी का कम होना बताया जा रहा है। भारतीय प्रतिभूति एवं अपीलीय बोर्ड (सेबी) के आंकड़े के अनुसार कोष प्रबंधकों ने बीते साल जनवरी-अक्तूबर के दौरान 1.12 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे गए थे। प्राइम इनवेस्टर डाट इन के सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा कि खुदरा निवेशकों का म्यूचुअल फंड में निवेश एक वर्ष पहले की समान अवधि की तुलना में कम नजर आया है। इसके परिणामस्वरूप म्यूचुअल फंड की तरफ से शेयर बाजारों में निवेश कम हुआ है। उन्होंने कहा कि बाजार के नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ खुदरा निवेशकों ने अपनी संपत्ति पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पाया गया था। इसका केवक यही कारण तेजी का कुछ चुनिंदा शेयरों तक सीमित रहना ही है। जब तक खुदरा निवेशक निवेश के लिये आगे नहीं आते, आने वाले समय में यह प्रवृत्ति बनी रह सकती है। सिप (SIP) के तहत निवेशक निश्चित राशि निश्चित अवधि पर लगाते हए नजर आये हैं। इस साल कुल 55,700 करोड़ रुपये के निवेश में से ज्यादातर निवेश जुलाई-सितंबर के दौरान हुए। कोष प्रबंधकों ने इस दौरान शुद्ध रूप से 43,500 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। वही एक तरफ विदेशी निवेशकों ने इन तीन महीनों में 22,400 करोड़ रुपये की निकासी की गयी थी । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान, कहा- Air India और BPCL को 2020 तक बेच देगी सरकार राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी ट्रेनों का खाना पड़ेगा महंगा, 3% से लेकर 9% तक देना होगा अधिक किराया एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम को मार्च तक बेचने की तैयारी, कंपनी बेचकर फायदा उठाने का प्रयास