आइजोल : 'टाटमाडॉ' के नाम से मशहूर म्यांमार के करीब 151 सैनिक शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय राज्य मिजोरम में दाखिल हो गए। मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले के तुइसेंटलांग गांव में केंद्रीय अर्धसैनिक बल, असम राइफल्स के सामने आत्मसमर्पण करते हुए, यह घटनाक्रम सशस्त्र प्रतिरोध समूहों और म्यांमार सेना के बीच चल रही झड़पों की पृष्ठभूमि में हुआ। ये सैनिक म्यांमार के चिन राज्य के पलेतवा शहर से अपने हथियारों के साथ भाग गए थे, जब उनके शिविरों पर एक सशस्त्र प्रतिरोध समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) ने कब्जा कर लिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, म्यांमार सेना के और सैनिकों के सीमावर्ती भारतीय राज्य में पहुंचने की उम्मीद है। लांग्टलाई पुलिस ने पुष्टि की कि असम राइफल्स ने 151 सैनिकों की वापसी प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्हें मिजोरम के पर्व गांव ले जाया गया है और बाद में म्यांमार जुंटा को सौंपने से पहले मणिपुर के मोरेह ले जाया जाएगा। यह घटना सैनिकों की पिछली आमद के बाद हुई है, जिसमें तातमाडॉ के 45 सदस्य 13 नवंबर, 2023 को मिजोरम पहुंचे, 29 सैनिकों का एक और समूह 16 नवंबर को सैखुमफाई गांव पहुंचा, और अतिरिक्त 30 सैनिक 29 नवंबर, 2023 को सीमा पार कर गए। इस साल 13 नवंबर से अब तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाले सैनिकों की कुल संख्या 255 तक पहुंच गई है। गौरतलब है कि म्यांमार की सेना 2022 से देश के चिन राज्य में पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) से हार रही है। फरवरी 2021 में, सैन्य जुंटा ने आंग सान सू की की नागरिक सरकार को गिराकर सत्ता पर कब्जा कर लिया और तब से विभिन्न जातीय सशस्त्र समूहों और लोकतंत्र समर्थक सेनानियों के साथ संघर्ष में लगा हुआ है। 'राहुल गांधी मात्र एक सांसद हैं, मीडिया को उन्हें ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहिए...', दिग्विजय सिंह के भाई का बोल्ड बयान तमिलनाडु और लक्षद्वीप को बड़ी सौगात देंगे पीएम मोदी, 19,850 करोड़ से अधिक के विकास प्रोजेक्ट्स करेंगे लॉन्च शिमला में नया साल निराशाजनक, कम हुई पर्यटकों की संख्या