वर्कआउट करने वाले बहुत से अधपके ज्ञान से घिरे रहते हैं. हम आपको ऐसी भ्रमित जानकारियों के बारे में बताएँगे जो वास्तव में सही नहीं है. बहुत सी ऐसी भ्रमित बातें है इसलिए इन्हें एक बार में बताना जरा मुश्किल होगा इसलिए हम इन्हें 4 भागों के द्वारा आपको इनकी जानकारी दे रहे हैं। और यह तीसरा भाग है. रनिंग से हमारे शरीर को बहुत सारे फायदे मिलते हैं. जो लोग जिम जाकर एक्सरसाइज नहीं करते उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए रनिंग या वाकिंग की सलाह दी जाती है ताकि वो अपने शरीर को फिट रख सके और शरीर की एक्स्ट्रा केलोरी को आसानी से बर्न कर सके. अक्सर आपने कई लोगों को रनिंग करते हुए देखा होगा और पाया होगा कि कुछ लोग रनिंग करते वक्त जरूरत से ज्यादा जोर लगाते हैं जो बिलकुल भी सही नहीं है क्योंकि जानकार लोग यह कहते हैं कि आपको रनिंग तब तक ही करनी चाहिए जब तक आपका शरीर ज्यादा ना थक जाए. एक तरह से यह कहना ज्यादा ठीक रहेगा कि आपको अपने थकावट के पॉइंट से पहले ही रनिंग को खत्म कर देना चाहिए। रनिंग हमेशा लय में होनी चाहिए और कोशिश करनी चाहिए कि आपकी स्पीड हर वक्त एक जैसी रहे. बहुत से लोगों को यह भी कहते हुए सुना जाता है कि जब भी एक्सरसाइज करें तब इंसान को उस एक्सरसाइज में 100 प्रतिशत देना चाहिए। यह आईडिया आपके हर वर्कआउट पर लागू हो यह जरूर नहीं है. इससे बेहतर होगा कि आप अपने वर्कआउट में थोड़ा बदलाव लेकर आये. सप्ताह में 4 दिन इंटेंस एक्सरसाइज करें और दो दिन इंटेंसिटी को थोड़ कम कर दे. ऐसा करने से आपके शरीर को रिकवरी के लिए ज्यादा समय मिल जायेगा और आपकी बॉडी ज्यादा अच्छे से ग्रो करेगी। लाखों मर्ज की एक दवा है गौ मूत्र क्यों होता है लकवा डिप्रेशन से लड़ना सीखिये