नाग पंचमी पर पूजन करते समय पढ़ें ये मंत्र

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का भी बहुत महत्व होता है. ज्योतिष की मानें तो नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने से काल सर्प दोष भी खत्म होता है. इसलिए हिन्दू लोग इसे खास मानते हैं और इस दिन नाग देवता की पूजा भी करते हैं और उन्हें दूध अर्पित करते हैं. इस बार नाग पंचमी 15 अगस्त को आने वाली है. तो हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे मना सकते हैं आप नागपंचमी और इसका खास मंत्र. नाग को शास्त्रों में काल(मृत्यु) का प्रत्यक्ष स्वरूप माना गया है इसलिए इसकी पूजा करना शुभ माना गया है.

नाग पंचमी पर पाएं कालसर्प दोष से मुक्ति

नागपंचमी के दिन आप स्नान कर पूजा करने बैठे दो नाग की प्रतिष्ठा कर सकते हैं जिनमे आप स्वर्ण, रजत और ताम्र नाग जोड़े भी ले सकते हैं. जोड़े स्थापित करने पर उनका धूप, दीप, नैवेद्य से उनका पूजन करें और दूध से उनका अभिषेक करें और प्रार्थना करते हुए आप इस मन्त्र को जप सकते हैं.

अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:। तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥

जानिए कब है नाग पंचमी और उसका शुभ मुहूर्त

ये प्रार्थना आपने पूजन के लिए की है लेकिन उनके विसर्जन के लिए भी आप एक मन्त्र जाप कर सकते हैं. पूजा के बाद एक नाग को किसी भी शिव-मन्दिर में शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए तथा दूसरे नाग को दूध से भरे पात्र में रखकर किसी पवित्र नदी में बहा दें. इस दौरान आप ये जप सकते हैं.

सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथिवीतले। ये च हेलिमरीचिस्था येन्तरे दिवि संस्थिता:॥ ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:। ये च वापीतड़ागेषु तेषु सर्वेषु वै नम"॥

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