सर्प को हिन्दू धर्म में पूज्यनीय कहा गया है। शिव जी जहां सांप को अपने गले में धारण करते हैं, वहीं दुनिया के पालनहार प्रभु श्री विष्णु शेषनाग पर विराजमान होते हैं। किन्तु सांप एक भयावह जीव होता है, जिससे सभी को डर लगता है। व्यक्तियों के मन से इस डर को निकालने तथा भूमि पर नागों की महत्ता बताते हुए उनके संरक्षण का संदेश देने के लिहाज से प्रत्येक वर्ष नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। नाग पंचमी सावन के माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। वही इस बार नाग पंचमी 13 अगस्त यानी आज है। इस दिन नागों की आराधना की परम्परा है। धार्मिक मान्यता है कि नाग पंचमी पर नागों की उपासना करने से शिव जी खुश होते हैं तथा मनुष्य की प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। इसके अतिरिक्त सापों से रक्षा होती है। काल सर्पदोष का प्रभाव ख़त्म होता है तथा सांप का डर मन से निकल जाता है। गरुड़ पुराण में नाग पंचमी के दिन घर के द्वार के दोनों ओर नाग बनाकर उनकी आराधना करने के बारे में बताया गया है। वहीं स्कन्द पुराण में नाग पंचमी पर नागों का पूजन करने से प्रत्येक इच्छाएं पूरी होने की बात कही गई है। ऐसे करें नाग देवता की पूजा:- नाग पंचमी के दिन पांच नाग बनाकर उनकी आराधना की जाती है। ये नाग अनन्त, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक एवं पिंगल नाग का स्वरूप माने जाते हैं। इस दिन प्रातः उठकर स्नान आदि के पश्चात् नाग देवता का स्मरण करना चाहिए। तत्पश्चात, घर के दरवाजे के दोनों ओर चांदी, लकड़ी अथवा मिट्टी की कलम से हल्दी एवं चन्दन की स्याही से फन वाले पांच नाग बनाएं। कमल, पंचामृत, धूप आदि नागों को समर्पित करके विधिवत पूजन करें तथा खीर का भोग लगाएं। इसके पश्चात् नाग गायत्री मंत्र एवं सर्प सूक्त का पाठ करें। फिर आरती गाएं। इससे सर्पाें से रक्षा होती है एवं भाग्य में बढ़ोतरी होती है। पूजा का शुभ मुहूर्त:- नाग पंचमी 12 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से आरम्भ होकर 13 अगस्त को 01 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। मगर उदया तिथि के अनुसार इस त्यौहार को 13 अगस्त को ही मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ वक़्त 13 अगस्त को प्रातः 05 बजकर 49 मिनट से 08 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। हरियाली तीज पर राशि के अनुसार करें ये उपाय, चमक उठेगी सुहागिनों की किस्मत यदि किसी कारणवश नहीं कर पाए हरियाली तीज व्रत या टूट जाए तो जरूर अपनाएं ये उपाय सीधे नागलोक लेकर जाते हैं ये मार्ग, जानिए किस राज्य में और कहा है ये रास्ते