कालसर्प दोष है तो 2 अगस्त को करें ये 3 उपाय

पौराणिक मान्यताओं को माना जाए तो जो व्यक्ति नागपंचमी पर नागदेवता की पूजा करता है उसे सर्प भय से मुक्ति मिल जाती है। कहा जाता है नाग देव की पूजा से उसके परिवार पर भी नागदेवता की कृपा बनी रहती है। जी हाँ और ये दिन खास इसलिए भी है क्योंकि इस दिन कालसर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) की पूजा के उपाय विशेष रूप से किए जाते हैं। जी दरअसल कालसर्प राहु-केतु (Kaal Sarp Dosh Ke Upay) के कारण जन्म कुंडली में बनने वाला एक अशुभ योग है और जिन लोगों की कुंडली में ये होता है, उन्हें अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जो आप कर सकते हैं।

नाग को मुक्त करवाएं- नाग पंचमी पर कालबेलिया जाति के लोग नागों की पूजा करवाने के लिए शहर में लाते हैं। ऐसे में आप अगर आपको कहीं ऐसे लोग दिख जाएं तो उनसे किसी भी कीमत पर नाग को मुक्त करा लें और जाकर किसी जंगल में उसे छोड़ आएं। जी हाँ क्योंकि काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने के लिए ये उपाय बहुत कारगर माना जाता है।

योग्य विद्वान से पूजा करवाएं- कहा जाता है नागपंचमी पर कालसर्प दोष की पूजा करवाना बहुत शुभ माना गया है। जी दरअसल विद्वानों के अनुसार ये पूजा उज्जैन और नासिक में करवाना ठीक रहता है। जी हाँ, यहां आकर किसी योग्य ब्राह्मण से कालसर्प दोष का पूजन करवाना चाहिए और संभव हो तो राहु-केतु का जाप और अनुष्ठान भी करवाना चाहिए।

इन मंत्रों का जाप करें- नाग पंचमी पर घर या मंदिर में बैठकर नाग गायत्री मंत्र - ओम नागकुलाय विद्महे विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्पः प्रचोदयात् का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद उनसे अपनी भूल की क्षमा याचना करें। ऐसा करने से भी काल सर्प दोष का असर काफी कम हो जाता है। इसी के साथ इस दिन नवनाग स्त्रोत का पाठ करना भी बहुत ही शुभ माना गया है। 

नवनाग स्त्रोत- अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शंखपालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:।

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