सावन के महीने में ही नाग पंचमी का पावन पर्व आता है और यह पर्व बहुत से लोगों के लिए ख़ास होता है. ऐसे में घर के आंगन में गोबर के नागपूजन का विधान है और चंदन, लकड़ी, चांदी आदि के सर्प भी पूजे जा सकते हैं. इसी के साथ इस दिन संयम से रहें, व्रत करें और ब्राह्मण को भोजन करवाएं. वहीं अगर घर में किसी की सर्प के काटने से मृत्यु हुई हो तो कहा जाता है कि उसकी सद्गति नहीं होती इस कारण सर्प पूजन करने से उसे मुक्ति मिल जाती है. इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त को है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उनकी पूजा के मंत्र. उनके मंत्र निम्नलिखित हैं- * श्रावण माह- ॐ अनंतर्पिणी नम:. * भाद्रपद माह- ॐ वासुकी नम:. * क्वार माह- ॐ शेषाय नम:. * कार्तिक माह- ॐ पद्माय नम:. * अगहन माह- ॐ कम्बलाय नम:. * पौष माह- ॐ अश्वतराय नम:. * माघ माह- ॐ कर्कोटकाय नम:. * फाल्गुन माह- ॐ घृतराष्ट्राय नम:. * चैत्र माह- ॐ शंखपालाय नम:. * वैशाख माह- ॐ तक्षकाय नम:. * ज्येष्ठ माह- ॐ पिंगलाय नम:. * आषाढ़ माह- ॐ कालिदाय नम:. इनके साथ नाग गायत्री का जप करें. मंत्र- ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्. नागपंचमी के दिन भूलकर भी ना करें यह काम वरना... 5 अगस्त को है नाग पंचमी, इस प्रार्थना से करें पूजन