इम्फाल: मणिपुर में जहां नागा लोगों की बड़ी जनसँख्या रहती है, वहां की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियों को भी तैनात किया गया हैं। गौरतलब है कि मणिपुर के विभिन्न नागरिक समाज पूरे प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल वो केंद्र सरकार से यह आश्वासन चाहते हैं कि नागा समस्या के राजनीतिक निराकरण से मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता प्रभावित नहीं होगी। पिछले सप्ताह अपनी मांगों के समर्थन में कई समूहों ने काम बंदी का आग्रह भी किया था, जिसके कारण पूरे मणिपुर में सामान्य जनजीवन काफी अधिक प्रभावित दिखाई दिया था। एक अधिकारी ने बताया है कि प्रदेश के सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और बड़े पैमाने में अर्धसैनिक बलों के जवानों की तैनाती भी कर दी गई है। उन्होंने बताया है कि अर्धसैनिक बलों की 15 नई कंपनियों को तैनात किया गया है। कुछ कंपनियां प्रदेश में पहुंच चुकी हैं और बीते कुछ दिनों से सेना के जवान भी एएन-32 विमान से यहां पहुंच रहे हैं। दूसरी तरफ प्रशासन ने दावा किया कि सुरक्षा में की गई वृद्धि से राजमार्गों की निगरानी और रास्ता जाम करने जैसी अप्रिय घटनाओं से निपटने में सहायता मिलेगी। दरअसल एनएससीएन-आईएम पूर्वोत्तर का सबसे अहम उग्रवादी समूह है जो नागा बहुल क्षेत्रों को एकीकृत करने के साथ अलग झंडे और संविधान की मांग कर रहा है जिसे केंद्र सरकार पहले ही नकार चुकी है। महाराष्ट्र में शिवसेना ने अपनाए तीखे तेवर, कहा- हम ना होते तो भाजपा को 75 सीटें भी नहीं मिलती बैंकाक में बोले पीएम मोदी, कहा- ये भारत में निवेश करने का सबसे शानदार समय निर्वाचन आयोजन ने किया झारखंड चुनाव का ऐलान, सीएम केजरीवाल की जान में आई जान