नगा राजनीतिक समूहों और सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित अवैध कराधान को लेकर गुरुवार को राज्य भर में व्यापार निकायों द्वारा बुलाए गए 12 घंटे के बंद में नागालैंड में बाजार बंद रहे और परिवहन वाहन सड़कों से नदारद रहे। व्यापार निकायों ने बंद के सुचारू और शांतिपूर्ण पालन को सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक रूप से स्वयंसेवकों को तैनात किया। सुबह छह बजे शुरू हुए बंद को कन्फेडरेशन ऑफ नागालैंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (सीएनसीसीआई) ने बुलाया था। दीमापुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (DCCI) ने इसे जिले में लागू कर दिया। रिपोर्ट के अनुसार, न केवल कोहिमा, दीमापुर और मोकोकचुंग जैसे प्रमुख शहरों में, बल्कि तुली, जालुकी, पफुतसेरो जैसे छोटे शहरों में भी बाजार बंद हो गया है। व्यापार निकायों ने बंद के सुचारू और शांतिपूर्ण पालन को सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक रूप से स्वयंसेवकों को तैनात किया। पुलिस ने बताया कि अभी तक किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। डीसीसीआई के अध्यक्ष आकाश झिमोमी ने कहा कि बंद से सरकारी कार्यालयों, बैंकों या शैक्षणिक संस्थानों या सरकारी और निजी वाहनों के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है। सीएनसीसीआई की मांगों के जवाब में, नागालैंड सरकार ने आंदोलनकारियों से विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन ने फैसला किया है कि जीएसटी शासन के तहत आने वाली वस्तुओं पर सभी नगरपालिका और नगर परिषदों द्वारा किसी भी प्रकार के कर या शुल्क की वसूली तुरंत रोक दिया जाएगा। ऋतिक के घर की दीवार पर सीलन देख यूजर्स ने पूछे सवाल, अभिनेता के जवाब ने जीता सबका दिल 19 सितंबर को शुरू होगा तमिलनाडु का दूसरा 'मेगा कोविड टीकाकरण शिविर' पेट्रोल-डीजल की कीमत में क्या हुआ बदलाव, यहाँ जानें आज के भाव