कोहिमा: 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हो गया था। यानी भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिल गई थी। तब से देश के हर कोने-कोने पर भारत सरकार का शासन लागू है। किन्तु क्या आप जानते हैं कि भारत में आज भी ऐसी एक जगह है, जहां ब्रिटिश सरकार की ही हुकूमत चलती है। यहां कुछ भी करने से पहले भारत को ब्रिटिश सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम ब्रिटिश दूतावास की बात रहे हैं, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून के चलते कुछ भी करने के लिए ब्रिटिश सरकार की इजाजत लेनी पड़ती है। जी नहीं, हम बात कर रहे हैं उस स्थान की, जो भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में होते हुए भी नहीं है। ये जगह है नागालैंड की राजधानी कोहिमा में, जिसे पूरा विश्व 'कोहिमा वॉर सिमेट्री' यानी कोहिमा युद्ध स्मारक के नाम से जानती है। यहां द्वितीय विश्वयुद्ध में शहीद हुए 2700 ब्रिटिश सैनिकों की कब्र मौजूद है। यहीं पर चिंडविन नदी के किनारे जापान की आर्मी ने आजाद हिंद फौज के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार पर अटैक किया था, जिसे इतिहास में कोहिमा युद्ध के नाम से जाना जाता है। ब्रिटिश सरकार ने अपने सैनिकों की याद में इस जगह पर स्मारक का निर्माण करवाया था। चूंकि उस वक़्त विश्व के ज्यादातर देशों में ब्रिटेन की हुकूमत थी, इसलिए ऐसे कई स्मारक भारत के अलावा दूसरे देशों जैसे, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी तैयार करवाए गए हैं। यहां स्थित सभी स्मारकों (कब्रगाहों) की देखभाल का जिम्मा कॉमनवेल्थ वॉर ग्रेव कमीशन के पास है। इसलिए ऐसी जगहों पर भारतीयों को तस्वीरें खींचने से लेकर रख-रखाव के काम तक को करने के लिए भी ब्रिटिश सरकार से इजाजत लेनी पड़ती है। ओमप्रकाश चौटाला बोले, देवीलाल ने पौधा लगाया, कार्यकर्ताओं ने उसे खून से सींचा, लेकिन फल... इस महीने के अंत तक शुरू हो सकता है बजट सत्र, सांसदों को तैयार रहने के निर्देश जारी इंडियन रेलवे का मुसाफिरों को बड़ा तोहफा, अब यात्रा के दौरान चोरी होने पर मिलेगा मुआवज़ा