नई दिल्ली: नागालैंड लोकसभा सीट पर पीडीए के तोखेहो येपथेमी और एनपीएफ उम्मीदवार सी अपोक जमीर के बीच कड़ा मुकाबला है, जहाँ एक ओर बीजेपी, पीडीए को समर्थन दे रही है, वहीं भाजपा की प्रतिद्वंदी पार्टी कांग्रेस, एनपीएफ का साथ दे रही है. नागालैंड राज्य में मात्र एक लोकसभा सीट है. नागालैंड में 28 मई को लोकसभा सीट के लिए मतदान हुआ था, जहाँ लगभग 70 प्रतिशत मतदान हुआ था. राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 40 कंपनियां, नगालैंड सशस्त्र पुलिस की 40 कंपनियां, 770 होम गॉर्ड्स और 2600 चौकीदार को तैनात किया गया था. यह सीट नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोगेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के नेता नेफ्यू रियो के सीएम बन जाने के बाद खाली हुई थी. विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. आपको बता दें कि नागालैंड में अधिकतर कांग्रेस का कब्ज़ा रहा है, नगालैंड लोकसभा क्षेत्र के लिए पहली बार 1967 में चुनाव होने पर सबसे पहले नगालैंड नेशनलिस्ट ऑर्गनाइजेशन के एस.सी. जमीर सांसद बने थे. जमीर निर्विरोध सांसद चुने गए थे. उसके बाद यह सीट अलग-अलग पार्टियों के पास गई. इस सीट पर अब तक 13 बार चुनाव हुआ है जिनमें से पांच बार कांग्रेस को विजय मिली है. उपचुनावों के नतीजे आज, कैराना पर नज़र लोकतंत्र और चुनाव आयोग को किसने कहा ''रखैल'' मप्र की सियासत में मतलब के लिए राम पर भरोसा