नागपुर: स्वाइन फ्लू से 33 मरीजों की मौत, मचा हड़कंप

मुंबई: महाराष्ट्र के नागपुर में स्वाइन फ्लू का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। चिंता की बात यह है कि पूरे जिले में इसके उपचार की सही व्यवस्था नहीं है। केवल दो ही अहम अस्पतालों में इसके उपचार की सुविधाएं होने के कारण स्वाइन फ्लू के एक तिहाई मरीजों की जान जा रही है। AIIMS और सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही स्वाइन फ्लू के मरीज एडमिट  किए जाते हैं। इस समय के जो आंकड़े हैं, उनके अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हुए 108 मरीजों में से 33 की जान जा चुकी है।

स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों के ये आंकड़े डराने वाले हैं। मेयो समेत महानगरपालिका अस्पताल में भी इसके उपचार का इंतज़ाम नहीं है। इसलिए स्वाइन फ्लू के सारे मरीज AIIMS में जाते हैं या फिर सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में। अभी जो आंकड़े सामने आए हैं वे सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हैं। नागपुर में स्वाइन फ्लू के मरीजों के लिए 24 बेड वाले वॉर्ड क्रमांक 13 को आरक्षित रखा गया है। इस समय यहां 12 मरीज उपचार ले रहे हैं। इनमें से तीन मरीज वेंटिलेटर पर और चार मरीज ऑक्सीजन पर हैं। 1 जुलाई से 5 सितंबर 2022 तक इस वार्ड में 108 मरीजों का उपचार हुआ। इनमें से 33 मरीजों की मौत हो गई।

यदि इस आंकड़े की तुलना हम नागपुर जिले में कोरोना से होने वाली मौतों से करें, तो 1 जुलाई से 31 अगस्त 2022 तक कोरोना से 18 लोगों की जान गई। जबकि केवल एक अस्पताल के आंकड़े के अनुसार, 1 जुलाई से 5 सितंबर के बीच 33 लोग स्वाइन फ्लू से मर गए। यानी स्वाइन फ्लू से मरने वालों की संख्या कोरोना से मरने वालों से 51 फीसदी अधिक है।

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