श्रीनगर। जम्मू - कश्मीर के पास मौजूद नगरोटा में आतंकियों ने हमला कर भारतीय सेना को पस्त करने का प्रयास किया था लेकिन जांबाज सैनिकों ने अपनी वीरता से आतंकियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। हालांकि आतंकी यहां मौजूद 16 हैडक्वाॅर्टस के पास बनी यूनिट में दाखिल तो हो गए लेकिन वे यहां मौजूद फैमिली हेडक्वार्टस में दाखिल नहीं हो पाए। आतंकियों का इरादा यहां पर प्रवेश कर सेन्य अधिकारियों और सेना के जवानों के परिजन को बंधक बनाकर सेना पर दबाव बनाना था। गौरतलब है कि फैमिली हेडक्वार्टस में अधिकारियों और सेनिकों की पत्नियां और उनका परिवार रहता है। मगर आतंकी यहां बने फैमिली हेेडक्वार्टर में दाखिल नहीं हो पाए तो इसका सबसे बड़ा कारण दो अधिकारियों की पत्नियां थीं। दरअसल अधिकारियों की पत्नियों के कारण बंधक संकट सामने नहीं आया। दरअसल क्वार्टस में अपने नवजात बच्चों के साथ दो अधिकारियों की पत्नियां रहती हैं ऐसे में अधिकारियों की इन पत्नियों ने आतंकियों के हमले के दौरान अपने क्वार्टर के प्रवेश पर भारी सामान लगा दिया और प्रवेश मार्ग को बंद कर दिया। ऐसे में आतंकी फैमिली क्वार्टर में नहीं घुस पाए। इस मामले में सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंअ कर्नल मनीष मेहता ने बताया कि आतंकी दो भवनों में दाखिल हुए जिसमें सैनिक के परिवार रहते हैं ऐसे में बंधक संकट के हालात बन गए। इसके बाद सेना ने कार्रवाई करते हुए करीब 12 सैनिकों, दो महिलाओं और दो बच्चों को बाहर निकाल दिया। आतंकी हमले के दौरान 18 माह के दो बच्चों को भी आतंकियों से सेफ रखने में सेना कामयाब रही। आतंकी हमले में शहीद जवानों संख्या हुई सात नगरोटा आतंकी हमले में तीन जवान शहीद जम्मू-कश्मीर में 2 आतंकी हमले, 5 आतंकी ढेर कुलगाम जिले में आतंकी हमले में दो पुलिस