सबसे पहले प्रभु श्री गणेश की पूजा करने की परंपरा है। गणेश चतुर्थी को प्रभु श्री गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है तथा लोग अपने घरों में बप्पा का स्वागत करते हैं। अगर इस शुभ अवसर के दौरान परिवार में किसी बेटे का जन्म होता है, तो वे उसका नाम भगवान गणेश के नाम पर रखना चुन सकते हैं। इन अनोखे नामों के विशेष अर्थ होते हैं और ये बच्चे के व्यक्तित्व पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। यहां आपके बेटे के लिए प्रभु श्री गणेश से प्रेरित चयनित अद्वितीय नामों की एक सूची दी गई है। प्रथमेश-सब के बीच प्रथम आने वाले। प्रभु श्री गणेश की पूजा देवताओं में सबसे पहले की जाती है। अमित-अतुलनीय। भगवान गणेश बिल्कुल अलग हैं, उनकी किसी से तुलना नही है। अवनीश- पूरे विश्व के प्रभु, जिन्हें पूरा विश्व पूजता हो। देवव्रत-सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले। भगवान गणेश हर किसी की तपस्या पर प्रसन्न हो जाते हैं। दूर्जा- अपराजित देव। ऐसे देवता जिन्हें हराना मुश्किल है। नंदन- भगवान शिव के पुत्र। भगवान गणेश शिव के पुत्र हैं। सिद्धांथ-सफलता और उपलब्धियों के गुरु। प्रभु श्री गणेश की पूजा विद्या, बुद्धि के लिए की जाती है। जिससे कि सफलता मिले। प्रमोद-आनंद। हमेशा आनंद में रहने वाले देवता। तरुण-जिनकी कोई आयु ना हो। प्रभु श्री गणेश की आयु की गणना नही है किन्तु उन्हें माता पार्वती के छोटे पुत्र के रूप में जाना जाता है। विनायक- सबके भगवान। वो जो सबके भगवान हैं। अद्वैत- जो अनूठा और अनोखा हो। प्रभु श्री गणेश को देवताओं में सबसे अलग माना जाता है। अमेय- जिसकी कोई सीमा ना हो। अनव- दयालु ह्रदय वाला, मानवता से भरा हुआ। अन्मय- जिसे तोड़ा ना जा सके। जो विपरीत परिस्थितियों में भी कमजोर ना पड़े। अथर्व- ज्ञान और बुद्धि के देवता। जिसके पास बहुत सारा ज्ञान हो। चार वेदों में से एक वेद का नाम भी अथर्व है। प्रथमेश-सब के बीच प्रथम आने वाले। प्रभु श्री गणेश की पूजा देवताओं में सबसे पहले की जाती है। अमित-अतुलनीय। प्रभु श्री गणेश बिल्कुल अलग हैं, उनकी किसी से तुलना नही है। अवनीश- पूरे विश्व के प्रभु, जिन्हें पूरा विश्व पूजता हो। देवव्रत-सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले। भगवान गणेश हर किसी की तपस्या पर प्रसन्न हो जाते हैं। दूर्जा- अपराजित देव। ऐसे देवता जिन्हें हराना मुश्किल है। नंदन- भगवान महादेव के पुत्र। भगवान गणेश शिव के पुत्र हैं। सिद्धांथ-सफलता एवं उपलब्धियों के गुरु। प्रभु श्री गणेश की पूजा विद्या, बुद्धि के लिए की जाती है। जिससे कि सफलता मिले। प्रमोद-आनंद। हमेशा आनंद में रहने वाले देवता। तरुण-जिनकी कोई आयु ना हो। प्रभु श्री गणेश की आयु की गणना नही है लेकिन उन्हें माता पार्वती के छोटे पुत्र के रूप में जाना जाता है। विनायक- सबके भगवान। वो जो सबके भगवान हैं। अद्वैत- जो अनूठा और अनोखा हो। गणेश को देवताओं में सबसे अलग माना जाता है। अमेय- जिसकी कोई सीमा ना हो। अनव- दयालु ह्रदय वाला, मानवता से भरा हुआ। अन्मय- जिसे तोड़ा ना जा सके। जो विपरीत परिस्थितियों में भी कमजोर ना पड़े। अथर्व- ज्ञान और बुद्धि के देवता। जिसके पास बहुत सारा ज्ञान हो। चार वेदों में से एक वेद का नाम भी अथर्व है। भाद्रपद की अमावस्या पर घर ले आएं ये चीजें, ख़त्म होगी धन से जुड़ी हर समस्या पितृ पक्ष शुरू होने से पहले फटाफट निपटा लें ये काम, वरना फिर करना होगा इंतजार 'प्रकाश राज कुष्ट और एड्स का सुख भोगें', आखिर क्यों अभिनेता पर भड़की साध्वी प्रज्ञा?