22 मार्च से चैत्र नवरात्रि का पर्व आरम्भ हो जाएगा। बेटियों को मां दुर्गा का ही रूप माना जाता है। मां दुर्गा के अलग-अलग रूप हैं तथा उनके अलग-अलग नाम भी। यदि देवी के भक्त हैं तथा चाहते हैं कि उनका नाम हमेंशा जुबान पर रहे हैं तो अपने घर की बेटी को देवी दुर्गा के नामों में से एक नाम दे सकते हैं। यहां कुछ नामों की सूची है देखिए- ऐ और अ अक्षर से मां दुर्गा का नाम:- 1) ऐशानी:- देवी दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। ऐशानी शक्ति की देवी का दूसरा नाम है। 2) अनंत:- इस नाम का मतलब है 'वह जो अनंत और अथाह है।' देवी दुर्गा की शक्ति अपार है एवं इसलिए उन्हें अनंत के नाम से भी जाना जाता है। 3) अन्विथा:- यह देवी दुर्गा का एक और नाम है। जिसका अर्थ है, ज्ञान देना। 4) अपराजिता:- अपराजिता का अर्थ है 'जिसे नष्ट नहीं किया जा सकता।' 5) आद्या:- देवी दुर्गा को आद्या के तौर पर भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'प्रथम या आदिम'। ग अक्षर से देवी दुर्गा का नामनाम है:- 1) गौरी:- गौरी देवी दुर्गा का स्त्री अंग है। नाम का अर्थ 'निष्पक्ष' भी है। 2) गौतमी:- गौतमी नाम का अर्थ है 'वह जो ज्ञान देती है' या 'वह जो अंधेरे को दूर करती है।' 3) गयाना:- इसका अर्थ है 'वह जो ज्ञान का अवतार है।' देवी दुर्गा को ब्रह्मांड में सर्वोच्च शक्ति के तौर पर जाना जाता है तथा उन्हें ब्रह्मांड के सभी ज्ञान और ज्ञान के अधिकारी के रूप में भी जाना जाता है। 4) गायत्री:- देवी दुर्गा का उल्लेख करने के अलावा, इसका अर्थ 'वेदों की माता' और 'मोक्ष मंत्र' भी है। 5) गिरीशा:- गिरीशा का मतलब है 'वह जो पहाड़ों पर शासन करता है।' यह देवी दुर्गा के नामों में से एक है। स और श अक्षर से देवी दुर्गा का नाम:- 1) सौम्या:- इस शब्द का अर्थ है, सुंदर। यह देवी दुर्गा का दूसरा नाम है। 2) शैला:- यह देवी दुर्गा का दूसरा नाम है क्योंकि इसका मतलब है 'वह जो पहाड़ों में रहती है।' जैसा कि देवी दुर्गा पार्वती के रूप में कैलाश पर्वत पर रहती हैं। 3) शक्ति:- राक्षसों के संहार के रूप में, देवी दुर्गा को एक योद्धा देवी के तौर पर भी जाना जाता है। इस शब्द का अर्थ है एनर्जी। 4) साधिका:- साधिका शब्द का मतलब है 'प्राप्त करने वाला' और यह देवी दुर्गा के कई नामों में से एक है। 5) शैलजा:- यह नाम संस्कृत के दो शब्दों 'शैला', जिसका मतलब है 'पहाड़' और 'ज', जिसका अर्थ है 'जन्म' से लिया गया है। शैलजा भी देवी दुर्गा का एक नाम है। चैत्र नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना बुरा होगा अंजाम आखिर क्यों एकादशी के दिन नहीं खाया जाता है चावल? आज करें भगवान विष्णु के इन प्रभावी मंत्र का जाप, बरसेंगी कृपा