बॉलीवुड में नाना पाटेकर एक ऐसे कलाकार है जिन्होंने नायक, सहनायक, खलनायक और चरित्र भूमिकाओं से दर्शकों को अपना दीवाना बनाया है। नाना पाटेकर के अभिनय में एक विशेषता रही कि वह किसी भी तरह की भूमिका के लिए सदा उपयुक्त रहते हैं। भले ही कुछ समय से नाना का वक्त उनका साथ नहीं दे रहा है परन्तु आज भी वह लोगो के दिलों में जीवित है.नाना नए साल यानि 2019 में अपने 68 वें वर्ष में प्रवेश कर रहे है. एनजीओ भी चलाते हैं नाना जितने अच्छे अभिनेता है वह उतने ही अच्छे इंसान भी है नाना एनजीओ भी चलाते हैं जो किसानों, नदी संरक्षण और जरूरदमंद लोगों की मदद करती है और उनके लिए काम करती है. वह खुद भी मौका मिलने पर लोगों की सतत मदद करते रहते हैं. नाना ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म गमन में एक छोटे रोल से की थी. परन्तु उन्हें असली पहचान फिल्म अंकुश और फिल्म परिंदा से मिली. उन्होंने हिंदी के साथ मराठी फिल्मो में भी अभिनय किया। इन फिल्मों में किया अभिनय नाना की सफल फिल्मो की बात करें तो उन्होंने 'यशवंत', 'वजूद', 'युगपुरुष' और 'गुलाम-ए-मुस्तफा' जैसी हिट फिल्मों में बतौर अभिनेता काम किया. इसके अलावा उन्होंने 'प्रहार' जैसी फिल्म का निर्देशन भी किया. वहीं उन्हें 'खामोशी', 'यशवंत', 'अब तक छप्‍पन', 'अपहरण', 'वेलकम' और 'राजनीति' जैसी फिल्मों में अभिनय के लिए भी जाना जाता है. कई विवादों से भी रहा नाता नाना पाटेकर एक ऐसे कलाकर हैं जो अपनी शर्तों पर काम करते हैं। नाना के लिए साल 2018 बहुत ही बुरा रहा क्योंकि इसी साल नाना पाटेकर के ऊपर MeToo के तहत अभिनेत्री तुनश्री दत्ता ने गंभीर आरोप लगाए। यही नहीं इसी कारण नाना के हाथ से कई फिल्में भी चली गई. तीसरे दिन भी सिम्बा ने तोड़े रिकॉर्ड, अब वीकडेज पर है सभी की निगाहें अमिताभ ने इस अंदाज में दी टीम इंडिया को जीत पर बधाई इस चर्चित फिल्म में अनुपम खैर के अलावा इस अभिनेता का रोल भी है चर्चा में