मराठी फिल्मों में काम कर चुकीं एक्ट्रेस नंदिता दास ने हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध करते हुए इसके विरोध में सभी से आवाज उठाने की अपील की है। जी हाँ, हाल ही में उन्होंने कहा कि, ''अब हर जगह शाहीन बाग बन रहा है क्योंकि इतने सारे लोग अब सड़क पर हें। हर एक नागरिक, एक इंसान के हिसाब से, हम सबको इसके खिलाफ बोलना चाहिए।'' जी दरअसल वह जयपुर में एक समारोह में गईं थीं और वहीं उन्होंने इस बारे में बात की। वहां बात करते हुए उन्होंने कहा कि, ''इस देश के जो मूल्य हैं, बुनियाद हैं, उसे संभालकर रखना चाहिए। ऐसा पहली बार हो रहा है जब धर्म के नाम पर लोगों से पहचान मांगी जा रही है। इस बात का विरोध हो रहा है। छात्रों ने इसकी शुरुआत की है। इसके खिलाफ सभी को आवाज उठानी चाहिए।'' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ''मतभेद होना अलग बात है, लेकिन सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। आपसे भारतीय होने का सूबत मांगा जा रहा है और दिल्ली की तरह शाहीन बाग हर जगह बन रहे हैं।'' उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि छात्र, मशहूर हस्तियां, पत्रकार और लेखक सहित हर प्रकार के लोग अपनी राय दे रहे हैं। पहली बार फिल्म समुदाय के लोग इसके साथ जुड़ रहे हैं। इंसान के रूप में लोग सामने आ रहे हैं। मुख्यधारा के लोगों के साथ-साथ सिनेमा के लोगों ने सीएए और एनआरसी के खतरनाक संबंधों के खिलाफ बात की है।'' आप सभी को बता दें कि नंदिता बंगाली, मलयालम, बॉलीवुड, तमिल जैइस कई भाषाओं की फिल्मों की एक्ट्रेस हैं। उन्होंने हाल ही में कहा कि, ''अर्थव्यवस्था की खराब हालत के बीच हमें अपनी पहचान साबित करनी पड़ रही है। बेरोजगारी बहुत ज्यादा हो चुकी है, स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल खराब हैं, बच्चे मर रहे हैं। यह संदेश देने का समय नहीं बल्कि सोचने का है कि किस तरह का समाज चाहते हैं। आज मंटो होते तो शायद वे भी दुखी होते।'' आप सभी को बता दें कि साल 2018 में उनके निर्देशन में बनी फिल्म 'मंटो' से भी वह चर्चा में रहीं और यह फिल्म लेखक सआदत हसन मंटो पर बनी थी। जॉन अब्राहम को डेट कर चुकीं हैं रिया सेन, बॉलीवुड में हो गईं थी फ्लॉप शादी से पहले इस एक्ट्रेस ने खोई अपनी वर्जिनिटी, अब कहा- 'मैं तीन बार।।।' मराठी फ़िल्म "बाबा" को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार समारोहों में मिली बड़ी जीत