हिन्दू धर्म में प्रत्येक वर्ष वैशाख माह शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरसिंह जयंती मनाई जाती है। इस दिन श्रीहरि विष्णु के नरसिंह अवतार की पूजा-उपासना की जाती है तथा व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि जगत के पालनहार प्रभु श्री विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को राक्षस हिरण्यकश्यप से बचाने के नरसिंह का अवतार लिया था। नरसिंह चतुर्दशी के दिन व्रत एवं पूजन करने से समस्त दुखों से छुटकारा प्राप्त होता है तथा जीवन में खुशहाली आती है। दृक पंचांग के मुताबिक, इस वर्ष 21 मई को बेहद शुभ संयोगों में नरसिंह जयंती मनाई जाएगी। आइए आपको बताते हैं नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त और महत्व... नरसिंह जयंती का शुभ मुहूर्त: दृक पंचांग के मुताबिक, 21 मई को शाम 05 बजकर 39 मिनट पर नरसिंह जयंती की शुरुआत होगी तथा अगले दिन यानी 22 मई को शाम 06 बजकर 47 मिनट पर इसकी समाप्ति होगी। इसलिए उदयातिथि के मुताबिक, 21 मई को नरसिंह जयंती मनाई जाएगी। नरसिंह जयंती पर बना अद्भुत संयोग : इस दिन प्रातः 5:45 एएम से लेकर अगले दिन 22 मई को प्रातः 5 बजकर 27 मिनट तक रवि योग बन रहा है। प्रातः 5 बजकर 46 मिनट तक चित्रा नक्षत्र का निर्माण होगा। इस दिन स्वात्रि नक्षत्र भी बनेगा। नरसिंह जयंती का पूजा मुहूर्त : इस दिन शाम 04 बजकर 24 मिनट से शाम 07 बजकर 09 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है। पारण टाइमिंग : नरसिंह जंयती के व्रत रखने वाले लोग 22 मई को सुबह सूर्योदय के पश्चात् पारण कर सकते हैं। इस दिन दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से पहले पारण करना उत्तम वक़्त रहेगा। नरसिंह जयंती का महत्व : धार्मिक मान्यता है कि नरसिंह भगवान की विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा प्राप्त होता है। कोर्ट-कचहरी के मामलों में जीत हासिल होती है। आध्यात्मिक कार्यों में रुचि बढ़ती है। इस दिन पूजन एवं धर्म-कर्म के कार्यों से नेगेटिविटी दूर होती है। साथ ही तेज,यश और बल की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, श्रीहरि विष्णु जी ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह भगवान का अवतार लिया था। नरसिंह भगवान का आधा शरीर मनुष्य एवं आधा शरीर सिंह का था। हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान नरसिंह खंभा फाड़कर प्रकट हुए थे। आज सोम प्रदोष पर अपनाएं ये उपाय, दूर होगी विवाह संबंधी समस्या सोम प्रदोष व्रत आज, जानिए पूजा विधि हर प्रदोष व्रत का है अलग महत्व, यहाँ जानिए