इस समय देश के राजनीतिक हालातों में काफी हलचल दिखाई दे रही है. एक तरफ जहाँ कल दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल के धरने और आंदोलन के बीच मंडी हाउस में मोदी में उपराज्यपाल के खिलाफ मार्च निकाला गया वहीं दिल्ली में देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नीति आयोग की बैठक सम्पन्न हुई, जहाँ उड़ीसा और दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल थे. नीति आयोग की बैठक में विपक्षी पार्टियों ने ही नहीं बल्कि एनडीए के दलों के मुख्यमंत्रियों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नसीहत दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के साथ-साथ बाढ़ के विशेष पैकेज देने की भी मांग की. वहीं कर्नाटक के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने अपने राज्य कर्नाटक किसानों के लिए कर्ज माफी के वादे को लेकर केंद्र सरकार से 50 प्रतिशत मदद की मांग की है. वहीं नीति आयोग की इस बैठक में अधिकतर गैर बीजेपी राज्यों ने एक विशेष मांग की, जिसके अनुसार उन्होंने केंद्र सरकार को नसीहत देने के साथ ही गुजारिश की है कि वो राज्यों के आंतरिक मामलों में किसी तरह का अनावश्यक हस्तक्षेप न करे. वहीं इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि "केंद्र को सहकारी संघवाद का पालन करना चाहिए." विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्रियों ने एनडीए सरकार पर संविधान के संघीय ढांचे को कमजोर करने का आरोप भी लगाया. पीएम ने कहा- करेंगे बाढ़ पीड़ित राज्यों की मदद तो इस मांग पर अड़े नितीश-चंद्र बाबू नायडू मौसम विभाग की चेतावनी, इन राज्यों में फिर आ सकता है तूफान दिल्ली आंदोलन: स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की हालत बिगड़ी, हॉस्पिटल में भर्ती