नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान यात्रा के दौरान न केवल ऐतिहासिक समझौते किये है वहीं उन्होंने बुलेट ट्रेन के सफर का भी मजा लिया। वे बुलेट ट्रेन की ड्राइविंग सीट पर बैठे तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई। अब यह बात अलग थी कि मोदी ने भले ही बुलेट ट्रेन नहीं चलाई हो लेकिन उन्होंने नया अनुभव जरूर प्राप्त कर लिया। मोदी ने विशेष रणनीतिक साझेदारी से जापान तथा भारत के रिश्तों को मजबूत बनाने का कार्य किया। गौरतलब है कि मोदी ने असैन्य परमाणु हथियार के मामले में भी जापान से महत्वपूर्ण समझौता किया है। शनिवार को भी दोनों देशों के बीच महत्वपूर्ण समझौते हुये है। जापान से बड़ा कोई मित्र नहीं संयुक्त पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुये मोदी ने जापान को भारत के लिये सबसे बड़ा मित्र बताया और कहा कि जापान के सहयोग से भारत के आर्थिक सपनों को निश्चित ही आकार देने में भारत को मदद मिलेगी। उन्होंने आतंकवाद की लड़ाई में भी जापान को भारत का सहयोगी बताया और कहा कि भारत और जापान के रिश्तों को नई उंचाई देने में हम प्रतिबद्ध है। इधर जापान ने भी मोदी की मेक इन इंडिया की प्रशंसा करते हुये 12 अरब डाॅलर का कोष बनाने का निर्णय लेने की जानकारी मीडियाकर्मियों को दी। मोदी ने पत्रकारवार्ता के दौरान बुलेट ट्रेन परियोजना के संबंध में भी जानकारी दी। मीडियाकर्मियों के बीच मोदी और आबे ने भारत-जापान दृष्टिपत्र 2025: भारत प्रशांत क्षेत्र और विश्व शांति, समृद्धि के लिये मिलकर काम करने के लिये भी प्रतिबद्धता जताई है। जापान से PM मोदी की दहाड़, एक-एक रूपये का हिसाब लूंगा