सेन्टपीटरबर्ग : जैसे कि सबको पता है कि पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हट गए हैं, लेकिन इसके साथ ही अमेरिका ने भारत और चीन को प्रदूषण फैलाने का जिम्मेदार ठहराया है, जिसका जवाब पीएम मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद अपने भाषण में दिया. ट्रम्प का नाम न लेते हुए मोदी ने कहा भारत पर्यावरण हितैषी है. इसके लिए काम करता रहा है और करता रहेगा. गौरतलब है कि पेरिस जलवायु समझौते पर मोदी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं किसी का पक्ष नहीं लूंगा, लेकिन भविष्य की पीढ़ी का पक्ष जरूर लूंगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत पेरिस जलवायु समझौते के लिए प्रतिबद्ध है. हम 40 करोड़ एलईडी बल्ब घर-घर पहुंचाने वाले हैं. गुजरात विश्व में ऐसी चौथी सरकार थी जिसने पर्यावरण के लिए अलग विभाग बनाया था. अपनी बात को बल देने के लिए पीएम ने अथर्ववेद का उल्लेख किया जो पर्यावरण को समर्पित है, पर्यावरण से छेड़छाड़ अपराध है. हमारे सेवा क्षेत्र में भी बड़ी संभावनाएं है. भारत की एक सांस्कृतिक विरासत है. 5000 साल पुरानी नगर रचना किसी को देखनी है तो भारत आइये. इस मौके पर रक्षा के क्षेत्र में निवेश के लिए उन्होंने कंपनियों को आमंत्रित किया. बता दें कि भारत ने अमेरिका के बिनाभी इस समझौते से जुड़े रहने की घोषणा की है. हालांकि अमेरिका के पीछे हटने का भारत पर कोई सीधा असर तो नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे भारत के लिए आगे उत्सर्जन कटौती के लक्ष्य के लिए तेज कदम उठाने में परेशानी आएगी, क्योंकि भारत को अब अंतरराष्ट्रीय वित्त और टेक्नोलॉजी हासिल करने में मुश्किल आ सकती है. यह भी देखें आखिर पेरिस समझौते से अलग हुआ अमेरिका, ट्रम्प ने की घोषणा भारत-रूस मैत्री और हुई मजबूत, आतंक के खिलाफ जारी रहेगा सहयोग, दृष्टि पत्र जारी