नई दिल्ली : 10 जनवरी को जामिया मिलिया इस्लामिया का वार्षिक दीक्षांत समारोह होने वाला है। कई अटकलों के बाद अब यह साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल नही होंगे। दरअसल मोदी ने समय की कमी के कारण इस समारोह में शामिल होने से इंकार किया है। मोदी के इस डिक्लेयरेशन के बाद अब वैज्ञानिक गोवर्धन मेहता जामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। विश्वविद्दालय ने नवंबर में ही मोदी को आमंत्रण भेजा था। जिसके बाद कई पूर्व छात्रों ने इसका विरोध किया था। इस विरोध का कारण है यू-ट्यूब पर पड़ा वह वीडियो जिसमें मोदी जामिया पर आतंकियों को बचाने का आरोप लगा रहे है। पीएम को जामिया के दीक्षांत समारोह में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था, इसी पर कॉलेज के 95 पूर्व एलुमिनाइयों और कई लोगो ने मिलकर युनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को पत्र लिखा है और अनुरोध किया है कि मोदी का दौरा कैंसल किया जाए। पूर्व छात्रों ने वीसी तलत अहमद से कहा था कि हम दुखी और चकित है कि वो और उनकी पार्टी के सदस्य हमेशा जामिया मिलिया इस्लामिया के खिलाफ अफवाह व नफरत फैलाते रहे है। पत्र के साथ एक वीडियो लिंक भी भेजी गई, जिसमें मोदी के गुजरात चुनाव रैली का वीडियो है। कहा जा रहा है कि इसमें मोदी यह कहते हुए दिख रहे है कि जामिया आतंक के आरोपी छात्रों को कानूनी मदद देकर आतंकियों को बचाने का काम कर रहा है। मोदी का यह दावा झूठा है और यह एक खास समुदाय को निशाने पर लेकर कहा गया था। छात्रों ने कहा कि यह अकेला ऐसा बयान नही है ब्लकि कई और भी है। ऐसे में वीसी उन्हें बुलाकर क्या मैसेज देना चाहते है। इन छात्रों का कहना है कि वाइस चांसलर अपना निमंत्रण वापस ले क्यों कि वो दीक्षांत समारोह में बोलने लायक नही है। फिलहाल मोदी ने खुद इस दौरे को कैंसिल कर दिया है। जामिया के प्रवक्ता मुकेश रंजन ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब मिला है कि समय की कमी के कारण वो विश्वविद्दालय का दौरा नही कर पाएंगे। इसलिए हमने गोवर्धन मेहता को आमंत्रित किया है।