हिन्दू धर्म में गंगा नदी की भांति ही मां नर्मदा को भी बहुत ही पवित्र एवं पूजनीय माना गया है। भारत में छोटी-बड़ी 200 से ज्यादा नदियां हैं, जिसमें 5 बड़ी नदियों में नर्मदा भी एक है। वहीं सनातन धर्म की सात पवित्र नदियों में भी नर्मदा एक है। नर्मदा नदी को लेकर ऐसी मान्यता है कि, नर्मदा के स्पर्श मात्र से ही पाप-दोष मिट जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, प्रत्येक साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी तिथि पर मां नर्मदा का जन्म हुआ था। इस साल 2024 में यह तिथि आज यानी शुक्रवार 16 फरवरी को है। नर्मदा जयंती प्रत्येक वर्ष माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है। इस तिथि की शुरूआत 15 फरवरी की सुबह 10 बजकर 12 मिनट पर हुई थी और 16 फरवरी प्रातः 8 बजकर 54 मिनट पर इसका समापन होगा। इस चलते उदयातिथि के अनुसार, नर्मदा जयंती तथा नर्मदा नदी में स्नान करने का शुभ मुहूर्त 16 फरवरी के दिन है। नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान, दीपदान और पूजा-पाठ करने का महत्व है। इसी के साथ इस पावन दिन पर कुछ खास उपायों को करने से समस्त कष्टों से मुक्ति प्राप्त होती है, ग्रह-दोष दूर हो जाते हैं तथा मनोकामना पूरी होती है। नर्मदा नदी की विशेषताएं स्कंद पुराण के रेखाखंड में ऋषि मार्केंडेय द्वारा उल्लेख मिलता है कि, प्राचीन काल में नर्मदा के तट पर ही प्रभु श्री नारायण के सभी अवतारों ने आकर मां की स्तुति की। पुराणों के मुताबिक, नर्मदा नदी की परिक्रमा सिद्ध, नाग, यक्ष, गंधर्व, किन्नर और मानव सभी करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक, गंगा नदी में स्नान करने से एक दिन में फल प्राप्त होता है, सरस्वती नदी में स्नान करने से तीन दिन में फल मिलता है। वहीं नर्मदा नदी के सिर्फ दर्शन या स्पर्श मात्र से ही शुफ फलों की प्राप्ति होती है और सारे पाप मिट जाते हैं नर्मदा जयंती का महत्व:- नर्मदा जयंती के महत्व की बात करें तो इस दिन पवित्र नदियों में डुबकी लगाना शुभ होता है। कहा जाता हैं ऐसा करने पर घर-परिवार में खुशहाली आती है तथा जीवन मं सुख-समृद्धि के द्वार खुलते हैं। नदी में स्नान के पश्चात फूल, हल्दी एवं कुमकुम आदि मां नर्मदा को अर्पित किए जाते हैं। अमरकंटक के उद्गम स्थान होने के चलते नर्मदा नदी की पूजा के लिए इस स्थान को अतिउत्तम माना जाता है। कहा जाता है कि नर्मदा जयंती के दिन नर्मदा नदी में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। इससे पुण्यफल की प्राप्ति भी होती है। कहते हैं नाग राजाओं ने मां नर्मदा को यह वरदान दिया था कि नर्मदा नदी में स्नान करने वाले मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलेगी और मोक्ष की प्राप्ति भी होगी। नर्मदा जयंती के दिन नदियों के स्नान से कालसर्प दोष भी दूर हो जाता है। 6 महीने बाद रोहित शर्मा के बल्ले से निकला अर्धशतक, लड़खड़ाने के बड़ा संभला भारत कतर के प्रधानमंत्री से पीएम मोदी ने की मुलाकात, व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहित विभिन्न मुद्दों पर हुई बात 'T20 वर्ल्ड कप तक भारत के मुख्य कोच बने रहेंगे राहुल द्रविड़..', BCCI ने कर दिया ऐलान