भोपाल। नर्मदा नदी की खदानों से अब मशीनों के माध्यम से रेत नहीं भरी जा सकेगी। दरअसल, स्थानीय लोगों के रोजगार को सुरक्षित रखते हुए ऐसा किया गया है। सरकार के निर्णय से रेत कारोबारी नाराज़ हैं उन्होंने कहा कि, लेबर कास्ट से जुड़ने के लिए, रेत की कीमत कम नहीं होगी, खनन कार्य से नदी के किनारों पर रेत के भंडार कम हो चुके हैं। खदान मालिक द्वारा किनारों के स्थान पर नदी में पंपिंग मशीन से रेत निकालने का कार्य करने लगे थे। इस तरह का कार्य, अधिकांश खदानों में किया जा रहा था। जानकारी सामने आई है कि, लोगों को रोजगार मिलना बंद हो गया। यही नहीं, वाहनों में रेत भरी जा रही थी। इतना ही नहीं मशीनों से खनन कार्य करने पर, प्रतिबंध लगा दिया गया है। रेत मंडी, एसोसिएशन के सचिव मनीष अजमेरा ने जानकारी देते हुए कहा कि, मशीनों से रेत निकाले जाने की मनाही की जाएगी। यदि ऐसा होता है तो फिर, रेत के भाव कम नहीं होंगे, मशीनों पर रोक लगाए जाने के चलते 50 से 60 वाहन ही मुश्किल से भर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि, इस बार नर्मदा नदी का जलस्तर बेहद कम हो गया है। प्रदेश में कई क्षेत्रों में बारिश के मौसम में बरसात कम होने से ऐसे हालात बने हैं। ऐसे में नर्मदा नदी की रेत खदानों और इसके किनारों से रेत उत्खखन का कार्य मशीनों से करने पर रोक लगा दी गई हैं मशीनों से अधिक रेत निकाली जा सकती है जिससे स्थानीय लोगों के रोजगार पर असर हो सकता है। जबकि सरकार चाहती है कि इन लोगों का रोजगार भी बना रहे। खूखार आतंकवादी हाफिज सईद पर CIA अधिकारी का बड़ा बयान मानसिक तनाव दूर करने का सबसे आसान तरीका आप भी जान लें नमो करेंगे गुजरात में धुआंधार प्रचार नेता, मीडिया और कारोबारियों के अपने-अपने धर्मगुरु - स्वामी चिदाम्बरानंद सरस्वती