कहते है की नदी के भीतर ऐसे कई रास्ते हैं, जहां से पाताल लोक जाया जा सकता है.पाताल लोक कोई कल्पना नहीं. पुराणों में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है. पुराणों में वर्णित है कि पृथ्वी के नीचे सात लोक हैं जोकि क्रमश: अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल. जोधपुर के पास भी ऐसी कई गुफाएं हैं जिनका दूसरा सिरा आज तक किसी ने नहीं खोजा. इसके अलावा पिथौरागढ़ में भी हैं पाताल भुवनेश्वर गुफाएं.यहां पर अंधेरी गुफा में देवी-देवताओं की सैकड़ों मूर्तियों के साथ ही एक ऐसा खंभा है, जो लगातार बढ़ रहा है. बंगाल की खाड़ी के आसपास नागलोक होने का जिक्र है. यहां नाग संप्रदाय भी रहता था. पुराणों में नाग संप्रदाय का उल्लेख नाग लोक के रूप में किया जाता है. वाल्मीकि रामायण में एक कथा का उल्लेख मिलता है जिसमें श्रीराम और लक्ष्मण जी को अहिरावण अपहरण कर पाताल लोक ले जाता है. फिर वहां हनुमानजी जाते हैं और अहिरावण का संहार कर धरती पर उन्हें वापिस लाते हैं. सूखे हुए फूलो से भी हो सकता है वास्तु दोष क़र्ज़ से परेशान है तो अपनाये ये उपाय धन की हानि से बचना है तो करे ये उपाय