वॉशिंगटन : वैज्ञानिकों ने चाँद के साथ-साथ मंगल पर भी अपनी खोज जारी रखी है. इसी के मिशन पर काम किया जा रहा है और हाल ही में ये खबर आई है कि वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 1 ने चाँद पर बर्फ होने की पुष्टि की है. मिली जानकारी के अनुसार बता दें चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के यही बताते हैं कि चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों के सबसे अंधेरे और ठंडे स्थानों पर पानी के जमे हुए टुकड़े मिले हैं जिन्हें बर्फ कहा जा सकता है. इसकी जानकारी नासा ने मंगलवार को दी है, वहीं भारत ने इस अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण दस साल पहले ही कर दिया था. इस साल भी चाँद पर पहुँचने वाला चौथा देश नहीं बन पायेगा भारत चाँद की सतह पर बर्फ मिलने के संकेत मिलने से ये कहा जा सकता है कि आगे चलकर चाँद पर जल भी उपलब्ध हो सकता है. वहीं 'पीएनएएस (PNAS)' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि बर्फ इधर-उधर बिखरी हुई है. दक्षिणी ध्रुव पर अधिकतर बर्फ लूनार क्रेटर्स के पास जमी हुई हैं. उत्तरी ध्रुव की बहुत बिखरी हुई मिली है, वैज्ञानिकों ने नासा के मून मिनरेलॉजी मैपर (एम3) से मिल आंकड़ों को लेकर यह दिखाया है कि चंद्रमा की सतह पर जल हीम यानी बर्फ मौजूद हैं. साथ ही बता दें, 'इसरो' ने साल 2008 में चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के साथ एम3 को भेजा था. 'सूर्य-स्पर्श' की पार्कर थ्योरी पर इसी खगोलशास्त्री को था भरोसा जानकारी के अनुसार बता दें, ये जल हिम ऐसे स्थान पर मिले हैं जहाँ पर घूर्णन अक्ष(Rotation Axis) के झुके होने के कारण सूर्य रौशनी कभी नहीं पड़ती. इसलिए यहां का तापमान -156 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं गया. चंद्रयान 1 स्पेसक्राफ्ट भारत का पहला चंद्रमिशन था लेकिन इसने 28 अगस्त 2009 को सिग्नल भेजना बंद कर दिया था जिसके बाद इसरो ने इसे अधिअक्रीक तौर पर इसने 28 अगस्त 2009 को सिग्नल भेजना बंद कर दिया था. ये मिशन दो साल के लिए था और पहले ही साल में इसने 95 फीसदी लक्ष्यों को हासिल कर लिया था. यह भी पढ़ें.. नासा ने एक दिन के लिए टाला अपना सोलर स्पेस मिशन ‘सूर्य स्पर्श’ के लिए नासा का ऐसा होगा अंतरिक्षयान