वाशिंगटन: कोरोना संक्रमण की कड़ी तोड़ने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन से पर्यावरण में अच्छा सुधार देखने को मिल रहा है। अमेरिका स्पेस एजेंसी नासा के लेटेस्ट सेटेलाइट डाटा से पता चला है कि इन दिनों उत्तर भारत में वायु प्रदूषण 20 वर्ष के सबसे निचले स्तर पर पहुँच गया है। नासा ने इसके लिए वायुमंडल में मौजूद एयरोसॉल की जानकारी प्राप्त की। फिर ताजा आंकड़े की तुलना 2016 से 2019 के बीच ली गई तस्वीरों के साथ की। बता दें कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, इसका दूसरा चरण 3 मई तक है। नासा में यूनिवर्सिटीज स्पेस रिसर्च एसोसिएशन (USRA) के साइंटिस्ट पवन गुप्ता के अनुसार, लॉकडाउन की वजह से वायुमंडल में बड़े पैमाने पर परिवर्तन देखने को मिला है। इससे पहले कभी उत्तर भारत के ऊपरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण का स्तर इतना कम नहीं देखा गया। लॉकडाउन के बाद 27 मार्च से कुछ इलाकों में बरसात भी हुई। इससे वायु में मौजूद एयरोसॉल नीचे आ गए। यह लिक्विड और सॉलिड से बने ऐसे सूक्ष्म कण हैं, जिनकी वजह से फेफड़ों और दिल को नुकसान होता है। हवा में मौजूद एयरोसॉल के कारण ही विजिबिलिटी भी घटती है। ई-पास बनाने के चक्कर में टूटी भीड़, फेल हुआ शारीरिक दुरी का फार्मूला राष्ट्रीय पंचायत दिवस यानी आज पीएम मोदी पंचायत प्रतिनिधियों से करेंगे बात शेयर बाजार में बिकवाली हावी, 500 अंक लुढ़का सेंसेक्स