NASA ने शेयर की भारतीय वैज्ञानिक प्रतिमा की तस्वीर, टेबल पर देवी-देवताओं की मूर्ति देख भड़के लिबरल

वाशिंगटन: अमेरिका की बहुप्रतिष्ठित अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एण्ड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) ने उन प्रतिभागियों की फोटो साझा की है, जिन्हें उनके साथ इंटर्नशिप करने का अवसर मिला। हालाँकि, NASA द्वारा फोटो साझा किए जाने के बाद उसकी आलोचनाओं का सिलसिला शुरू हो गया, क्योंकि उन प्रतिभागियों में भारतीय-अमेरिकी इंटर्न प्रतिमा रॉय की तस्वीर भी थी। प्रतिमा रॉय की टेबल पर हिन्दू देवियों की मूर्तियाँ और दीवार पर हिन्दू देवी-देवताओं की फोटो नज़र आ रही हैं।

 

प्रतिमा की इस धर्मपरायणता ने कुछ बुद्धिजीवियों को खफा कर दिया, क्योंकि ये बुद्धिजीवी प्रतिमा द्वारा अपनी भक्ति दिखाए जाने पर खुश नहीं हैं। इन्होंने प्रतिमा के ‘वैज्ञानिक स्वभाव’ पर भी सवाल उठाया। हालाँकि, प्रतिमा ने अपने उसी वैज्ञानिक स्वभाव की वजह से NASA के साथ इंटर्नशिप करने का अवसर अर्जित किया है। कुछ लोगों ने NASA पर विज्ञान को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कुछ ने कहा कि एक हिन्दू को देवी-देवताओं से खुद को घिरे हुए रहने की क्या आवश्यकता है? यह ठीक ऐसा ही सवाल है कि एक मछली को पानी से घिरे रहने की आवश्यकता क्यों है? NASA के द्वारा अपनी इंटर्न प्रतिमा रॉय की साझा की गई इस तस्वीर पर कई ऐसे कमेन्ट देखने को मिले जो साफ तौर पर ‘हिन्दूफोबिया’ के अस्तित्व पर मुहर लगाते हैं। 

 

हालाँकि, यह भी निश्चित है कि यदि किसी ईसाई या किसी मुस्लिम शख्स की तस्वीर (अपनी मजहबी पहचान को प्रदर्शित करते हुए) साझा की गई होती तो इतना विवाद कभी नहीं होता। हिन्दूफोबिया और विभिन्न संस्थानों पर उसके प्रभावों के संबंध में लगातार चर्चा होती रहती है। कई बार इसके अस्तित्व को नकार दिया गया, किन्तु अमेरिकी कॉन्ग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड तक ने अपने करियर के दौरान हिन्दूफोबिया से संबंधित अपने अनुभव शेयर किए। 

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