नई दिल्ली: हाल में भारतीय स्टूडेंट ने दुनिया का सबसे काम वजनी सेटेलाइट बनाया है. जिसे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा साउडिंग रॉकेट के जरिए बुधवार को लांच करेगी. इस सेटेलाइट का वजन 64 ग्राम है. इसे दुनिया का सबसे छोटा और हल्का सैटेलाइट माना जा रहा है. इस सैटेलाइट का निर्माण तमिलनाडु के 18 साल के रिफत शारूक ने किया है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर 'कलामसैट' (KalamSat) नाम दिया गया है. इसे बनाने पर करीब एक लाख का खर्चा आया है. इस सैटेलाइट में कई तरह के सेंसर और सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिसे नासा के 240 मिनट के मिशन में कलामसैट 12 मिनट के बाद ऑर्बिट में छोड़ दिया जायेगा. कलामसैट को कॉर्बन फाइबर पॉलिमर से बनाया गया है, जो किसी स्मार्टफोन से भी हल्का है. यह सैटेलाइट एक टेक्नोलॉजी डेमोन्सटेटर की तरह काम करेगा. मिशन में इसका काम टेम्परेचर, रेडिएशन लेवल, रोटेशन बकलिंग और मैग्नेटोस्फेयर को कैप्चर और रिकॉर्ड करना होगा. कलामसैट' (KalamSat) का निर्माण करने वाले रिफत शारूक 12th क्लास में पढाई कर रहे है, उनकी इस टीम में विनय भारद्वाज, तनिष्क द्विवेदी, यग्नासाई, अब्दुल कासिफ और गोबी नाथ आदि लोग शामिल थे, जिन्होंने इसका निर्माण किया. भारतीय स्टूडेंट ने बताया है कि नासा के 'क्यूब्स इन स्पेस' कॉन्टेस्ट में 57 देशों के 86,000 मॉडल्स पेश किए गए थे, जिसमे से कुल 80 मॉडल सिलेक्ट हुए, इनमें कलामसैट भी शामिल है. जिसे आज लांच किया जायेगा. नासा ने खोजे पृथ्वी के आकार वाले 10 ग्रह NASA ने पेश किया मंगल गृह पर चलने वाला व्हीकल