भारत में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कई प्रभावी प्रयास किए जा रहे है. लेकिन सूचना-प्रौद्योगिकी (आईटी) उद्योगों के संगठन नैस्कॉम की कुछ तकनीकी पहल से देश-विदेश में कोरोना से लड़ने में अच्छी मदद मिली है. चीन के वुहान शहर में नैस्कॉम द्वारा की गई तकनीकी मदद को सराहा भी गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और नैस्कॉम की एक पहल नैस्कॉम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में दो स्टार्ट-अप इन्क्यूबेट किए गए, जो कोरोना के प्रसार को रोकने में काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं. क्या एक बार फिर से विशाखापट्टनम में हो रही गैस लीक ? जानें सच आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इनमें ड्रोनमैप्स हरियाणा और पंजाब सरकार के साथ काम कर रहा है, जबकि ब्लिंकइन चीन के वुहान अस्पताल को सेवाएं प्रदान कर रहा है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ निदेशक डॉ अजय कुमार गर्ग ने बताया कि नैस्कॉम सीओई इन्क्यूबेटेड स्टार्ट-अप्स द्वारा की जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को देखकर खुश हैं. वे महामारी से निपटने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. ठेले से फल-सब्जी खरीदते समय इन बातों का रखें ख्याल इसके अलावा ड्रोनमैप्स कोविड-19 ट्रैकिंग के दो भाग हैं. इनमें पहला है यूजर फेसिंग पब्लिक डैशबोर्ड, जो बड़े पैमाने पर आधिकारिक स्रोतों से विश्वसनीय जानकारी एकत्रित कर बनाया गया है. दूसरा, एक प्रशासनिक डैशबोर्ड है, जिसमें लोकेशन ट्रैकिंग, जियोफेंसिंग और प्रोडक्टिव एनालिटिक्स जैसे अधिक उन्नत फीचर हैं. वहीं, बीमारी के साथ यह मामलों की संख्या, पॉजिटिव केस, संदिग्ध मामलों, अस्पताल के मामले आदि को ट्रैक कर सकने में भी सक्षम है. उदाहरण के तौर पर सोशल मीडिया या वीएलआर (कॉल रिकॉर्ड) के माध्यम से सभी संदिग्ध मामलों की लगातार निगरानी की जाती है. इसके मार्फत यह सुनिश्चित किया जाता है कि अधिकारियों को उन स्थानों के बारे में पता है, जहां रोगी है. साथ ही मोबाइल फोन की पहचान कर यह पता लगाया जा सकता है कि कौन लोग रोगी के संपर्क में आए. औरंगाबाद में दर्दनाक हादसा, मालगाड़ी ने मजदूरों को कुचला, 16 की मौत भारत में 56 हज़ार के पार पहुंचे कोरोना के मामले, 16000 से अधिक मरीज हो चुके हैं स्वस्थ तेलंगाना : राज्य में धीरे-धीरे लोगों को शिकार बना रहा कोरोना, 15 नए पॉजिटिव मिले