आज ही के दिन कोलकाता में पहली बार गूंजा था जन-गण-मन, जानिए राष्‍ट्रगान से जुड़ी 10 दिलचस्‍प बातें

नई दिल्ली: आज ही के दिन यानी 27 दिसंबर को वर्ष 1911 में भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में जन-गण-मन गाया गया था। स्वतंत्रता के पश्चात् साल 1950 में इसे राष्‍ट्रगीत का दर्जा दिया गया। वर्ष 1947 में देश की स्वतंत्रता के बाद जब पहली बार लाल किले पर तिरंगा फहराया गया तो तब भी राष्ट्रगान के तौर पर जन गण मन की ही धुन बजाई गई थी। आइये जानते हैं अपने राष्‍ट्रगान से जुड़ी 10 दिलचस्‍प बातें...

राष्‍ट्रगान से जुड़ी 10 दिलचस्‍प बातें:- * जन गण मन को सबसे पहले इसके रचयिता रविंद्रनाथ टैगोर भी भांजी एवं नोबेल पुरस्‍कार विजेता सरला ने गाया था। * इसे 24 जनवरी 1950 को 'राष्‍ट्रगान' का दर्जा दिया गया। * रविंद्रनाथ टैगोर ने साल 1911 में जन गण मन की रचना की थी तथा इसी साल इसे कांग्रेस के अधिवेशन में पहली बार गाया गया था। * स्वयं रविंद्रनाथ टैगोर ने 1919 में आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसिफिकल कॉलेज में इसे पहली बार गाया। * देश के बाहर प्रथम बार 11 सितंबर 1942 के दिन जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में भारत के राष्ट्रगान के तौर पर 'जन गण मन' को आजाद हिंद फौज ने बजाया था। * साल 1945 में बनी फिल्‍म 'हमराही' में इसका उपयोग हुआ था। * राष्‍ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड का वक़्त लगता है। इसकी पहली एवं अंतिम पंक्ति को गाने में 20 सेकेंड का वक़्त लगता है। * कानून के अनुसार, राष्ट्रगान गाने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता। * राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करने तथा राष्ट्रगान का अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट-1971 की धारा-3 के तहत कार्रवाई की जाती हैं। * राष्ट्रगान 'जन गण मन' को लिखने वाले रवीन्द्र नाथ टैगोर ने ही बांग्लादेश का भी राष्ट्रगान लिखा है।

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